प्रयागराज सी0 डीपीओ के उरई पंडित हत्या की साजिश रचने की खुल रही पोल, डीआरएम ऑफिस मे भ्रष्टाचार बढ़ाने मे मोतीलाल मिश्रा और सी0 डीपीओ का गठजोड़,लोगो से नौकरी के नाम पर वसूले पांच-पांच लाख
👉 नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लिया गया है पांच पांच रूपया , सीनियर डीपीओ ने रिसिका सिंह के नाम पर बनवाया है उधारी पैसे लेने का कचेेहरी से स्टाम्प ।
👉 दिन प्रतिदिन सीनियर डीपीओ के काले कारनामों का हो रहा है खुलासा, रेलवे में विभागीय परीक्षा में किया गया है घोटाला 3 से 5 रूपये की हुई है वसूली विभाग में मामला बना चर्चा का विषय ।
👉 सीनियर डीपीओ के हत्या के प्लानिंग में न शामिल होने पर के शुक्ला को किया गया बर्खास्त, शुक्ला की पत्नी ने तमाम उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर सीनियर डीपीओ के काले कारनामों की जांच कराने के लिए लिखा पत्र ।
प्रयागराज । रेलवे एनसीआर के डीआरएम ऑफिस में तैनात सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा के कारनामों की रोज नई-नई पोल खोल रही है । सीनियर डीपीओ ने जहां एक तरफ 1 साल के अंदर रेलवे के कई करोड़ों का घोटाला करके रेलवे राजस्व को चूना लगा है, वही अपने गृह जनपद के टाउन एरिया उरई के पंडित की हत्या कराने की भी प्लानिंग रच रहे थे । इनके प्लानिंग में साथ ना देने वाले कर्मचारियों पर उन्होंने पहले तो दबाव बनाया जब मामला बिगड़ता देखा तो फिर उन पर कार्रवाई करने की प्लानिंग कर डालें और कार्रवाई कर दिए है । सीनियर डीपीओ अपने सहकर्मियों के मातहत यौन उत्पीड़न के मामले में भी आरोपी रहे हैं । इतना ही नहीं बल्कि सीनियर डीपीओ पर कई लोगों से पांच 5-5 लाख रू0 लेकर नौकरी दिलाने के मामले में भी ठगी का मामला भी सामने आया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है ।
सूत्रों की माने तो कई लोगों से पांच पांच लाख रू0 रेलवे मे नौकरी दिलाने के नाम पर लिया गया है । इस पैसे को उधारी के नाम पर स्टांप पेपर पर कचहरी में रिसिका सिंह ओ0एस एवं अन्य लोगों के समक्ष बिना ब्याज के रूप में लेकर दिखाया है जबकि यह नौकरी दिलाने के लिए लिया गया था । पीड़ितों को आज तक पैसा भी वापस नहीं लौटाया गया है और न तो उन्हें नौकरी मिली है, जबकि लोगों ने अपने खेत -जमीन बेच करके पैसा दिया है । पीड़ितों ने इस मामले में कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की है लेकिन सीनियर डीपीओ की राजनीतिक गलियारों ऊंची पहुंच एवं सत्ताधारी नेताओं से पकड़ के कारण आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है । नौकरी के नाम पर कई लोगों से पांच -.पांच लाख रू0 लिए गए है यदि रेलवे के उच्च अधिकारी इस मामले की कमेटी बनाकर जांच कराए या बिजलेंस एवं सीबीआई से जांच कराई जाए ताकि ऐसे लोगों के चेहरे पर से पर्दा बेनकाब हो सके ।
उरई पंडित की हत्या की साजिश रचने वाला अधिकारी राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज तथा उसके मामा के लड़के पंकज ने मिलकर की थी । इस मामले मे जब के0एस0 शुक्ला ने हत्या का खुलासा कर दिया तो इस कर्मचारी को सीनियर डीपीओ घबरा गए कहीं ऐसा ना हो उनका सारा राज खुल जाए इसी कारण उस पर तमाम मनगढंत आरोप का हवाला देते हुए 9 अक्टूबर 2022 को बर्खास्त कर दिया है ताकि उसके काले कारनामों की पोल न खुल सके । फिलहाल अभी तक उरई के पंडित की हत्या की साजिश रचने वाला आरोपी अधिकारी राजेश कुमार शर्मा तथा उसके मामा के लड़के पंकज के खिलाफ शिकायत करने के बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस और विभागीय अधिकारियों द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है । आखिर कौन है उरई का वह पंडित जिसकी सीनियर डीपीओ हत्या कराना चाहते हैं और इनकी उससे क्या दुश्मनी है यह तो कृपाशंकर शुक्ला और जिसकी हत्या कराने की प्लानिंग कर रहे हैं, उससे पूछताछ करने के बाद ही साजिश का खुलासा होगा । कृपाशंकर शुक्ला की पत्नी ने मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों को शिकायत करते हुए सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा के काले कारनामों को जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है । इसी से सीनियर डीपीओ नाराज होकर कृपाशंकर शुक्ला पर कार्रवाई कर रहे हैं और तमाम लोकल प्रभावी नेताओं और माफियाओं से दबाव बनाकर अपने आप को पाक साफ साबित करने की कोशिश में लगे हुए हैं । सूबे के मुख्यमंत्री योगीराज का कानून बौना साबित हो रहा है और अपराध करने के ठोस सबूत की छाया प्रति संलग्न होने के बाद भी भौकाली अधिकारी सीनियर डीपीओ पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है ।
आरोपी अधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने अपने रेलवे के सरकारी बंगले पर अनैतिक कार्य के लिए मध्य प्रदेश राज्य के दो प्राईवेट व्यक्ति दिनकर मिश्रा मो0नं0 9669997830 तथा संजय कुमार मो0 6261009677 को रखा है । अगर इसकी जांच कराई गई तो आरोपी अधिकारी के अपराध का पर्दाफास और बेनकाब होगा । शर्मा द्वारा इनको संरक्षण देने वाले कई रेल के उच्चाधिकारी भी फसेंगे और जेल भी जाना तय है ।
इन सब भ्रष्टाचार और घोटाले करने का मास्टरमाइंड लगभग 20 साल से सीनियर डीपीओ कार्यालय में मलाईदार सीट पर बैठे मोती लाल मिश्रा मुख्य कार्यालय अधीक्षक कार्मिक का काम है । इनके माध्यम से सीनियर डीपीओ ने रेलवे में भ्रष्टाचार करके तमाम काली कमाई कर करोड़ों रुपया कमाया है और विभागीय परीक्षा में भी कई करोड़ की वसूली करके मनमानी तरीके से लोगों को पास कराया है । इतना ही नहीं इन पर हिन्दू ला अधिनियम के विरुद्ध दो पत्नी रखने का आरोप दिनांक 16/2/2021 को तय कर चुके के0एल जैसवाल डीपीओ के रिपोर्ट के बाद भी राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज ने मोती लाल मिश्रा को नियमो के सभी मानदंडों को दर किनार करते हुए अभी तक नौकरी से बर्खास्त नही किया है । मोतीलाल मिश्रा डीआरएम और जीएम के नाक नीचे फल फूल रहा है और इसकी जानकारी सबको है । यदि डीपीओ के0एल जैसवाल के दिनांक 16 फरवरी 2021 के पत्र की जांच कराई गई तो कार्यवाही तय है ।
अमरनाथ झा पत्रकार , मो0- 8318977396