Mon. Jun 9th, 2025

मंझनपुर नगर पालिका में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में बड़ा घोटाला, फ्रैंक हारनेट प्राइवेट लिमिटेड को मिला है ठेका, लेकिन नहीं हुआ काम , सिर्फ कागजों में MRF सेंटर , हकीकत में कोई ठोस काम नहीं

रिपोर्ट – अमरनाथ झा (8318977396)

👉 प्रोपराइटर दिनेश दीक्षित नहीं दे सके MRF सेंटर का ठिकान ,कर्मचारियों और वाहनों की संख्या तक एजेंसी को नहीं पता!

👉 कूड़ा कलेक्शन के नाम पर जनता से हो रही धोखाधड़ी,नगर पालिका के खोरा गांव में सिर्फ दिखावे के लिए बना सेंटर।

👉 ठेकेदार ने कहा- ईओ से बात करें, खुद नहीं दे सके जवाब,जिम्मेदार अफसर चुप, कोई ठोस कार्रवाई के संकेत नहीं।

👉 नगर पालिका परिषद मंझनपुर में भ्रष्टाचार की खुली पोल,अधिकारियों ने साधी चुप्पी,जांच की उठी मांग

नगर पालिका परिषद मंझनपुर में डोर-टू-डोर कूड़ा प्रबंधन में अनियमितताएँ

👉 योजना का उद्देश्य और नियमों का उल्लंघन…

कौशाम्बी। नगर पालिका परिषद मंझनपुर में डोर-टू-डोर कूड़ा प्रबंधन योजना के तहत फ्रैंक हारनेट प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया था, जिससे हर घर से नियमित रूप से कूड़ा उठाया जा सके और स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। योजना के तहत यह अनिवार्य था कि एकत्र किए गए कचरे को मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) सेंटर में भेजा जाए और वहाँ कचरे को रिसाइक्लिंग किया जाए। इसके अलावा, पर्याप्त संख्या में वाहनों एवं कर्मचारियों की तैनाती तथा प्रत्येक माह नगर पालिका को प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी आवश्यक था।

हालाँकि, इस योजना के क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताएँ उजागर हो रही हैं। कई इलाकों में नियमित कूड़ा उठान नहीं हो रहा, जिससे नागरिकों को स्वयं कचरा फेंकने जाना पड़ रहा है। जब एजेंसी के प्रोपराइटर दिनेश दीक्षित से MRF सेंटर की लोकेशन के बारे में पूछा गया, तो वे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। वहीं, नगर पालिका द्वारा खोरा गाँव में MRF सेंटर संचालित किए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन मौके पर कोई ठोस कार्य नहीं दिख रहा।

एजेंसी और प्रशासन की निष्क्रियता

जाँच में यह भी सामने आया कि ठेका लेने वाली एजेंसी के पास वाहनों और कर्मचारियों की सटीक संख्या का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। जब इस विषय में ठेकेदार दिनेश दीक्षित से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह से बात करने की सलाह दी, किंतु स्वयं कोई ठोस उत्तर नहीं दिया। इसी तरह, सुपरवाइजर आशीष पाठक भी स्थिति स्पष्ट करने में असमर्थ दिखे।

नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। जब अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जाँच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

जनता में आक्रोश, जाँच और कार्रवाई की माँग

नगर पालिका परिषद की इस लापरवाही को लेकर स्थानीय नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि उनसे कर तो वसूला जा रहा है, लेकिन कूड़ा प्रबंधन में गंभीर लापरवाही की जा रही है। यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो सकता है।

स्थिति को देखते हुए नगर पालिका प्रशासन को तत्काल स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जाँच करानी चाहिए। साथ ही, अधिशासी अधिकारी प्रतिभा सिंह, एजेंसी प्रमुख दिनेश दीक्षित, एवं सुपरवाइजर आशीष पाठक से जवाबदेही तय कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।

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