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निर्दोष सिपाही हुए लाइन हाजिर, जिनकी ड्यूटी उनको क्लीन चिट,चौकी इंचार्ज ने एसपी को किया गुमराह, चौकी इंचार्ज ने किसी की नही लगाई थी ड्यूटी

👉 जब कप्तान ने पकड़ा घटनास्थल पर तो अपने ऊपर कार्रवाई के भय से आनन-फानन में चौकी इंचार्ज ने निर्दोष सिपाहियों की चढ़ा दी बली ।

👉 सवाल इस बात का है कि जब तिरंगा यात्रा चल रहा है तो रिटेन में पहले से ही लगा दी जाती है ड्यूटी । अगर स्वयं भ्रमण के दौरान कप्तान म्योहर मे तिरंगा रैली मे सिपाहियों की गैर मौजूदगी न देखते तो इस तिकड़मबाज चौकी इंचार्ज दीपक मिश्रा के कारनामों की नही खुलती नही खुलती पोल।

बता दें कि आज पुलिस अधीक्षक द्वारा चार सिपाहियों को उस समय लाइन हाजिर कर दिया गया जब म्योहर में तिरंगा यात्रा के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था । एसपी के डांट के बाद कुछ सिपाही तिंरगा यात्रा मे आनन फानन में पहुंचे लेकिन चौकी इंचार्ज फिर भी नही पहुंचे । सूत्रों की मानें तो जिन सिपाहियों को कप्तान द्वारा लाइन हाजिर किया गया है वह सिपाही निर्दोष है । इसके पीछे चौकी इंचार्ज की अपनी संदिग्ध भूमिका है ,अगर पूरे मामले की कप्तान ने जांच कराई तो यह सिद्ध हो जाएगा कि हाजिर हुए सिपाहियों की ड्यूटी लगी ही नहीं थी । सूत्रों की मानें तो अपने आपको चौकी इंचार्ज बचाने के लिए निर्दोष सिपाहियों की बली चढ़ा दी है ।

सवाल यह उठता है यदि कप्तान खुद इस मामले मे म्योहर में रैली निकलने के दौरान खुद देखने के बाद कप्तान रुक कर अपने सिपाहियों से वीडियो बनवा कर उसी समय चौकी इंचार्ज से बात की थी। जब कप्तान पिपरी थाना पहुंचे और रैली के दौरान इस मामले में लापरवाही बरतने के मामले चौकी इंचार्ज से बात किए थे । तभी चौकी प्रभारी दीपक मिश्रा अपने आप को बचाते हुए कप्तान को भी गुमराह किया है । उसने खुद अपने को बचाते हुए निर्दोष सिपाहियों का नाम लिखा कर उनकी बलि चढ़ा दी है । जबकि शासन का आदेश है कि अमृत महोत्सव के आजादी के तहत तिरंगा यात्रा गांव गांव निकल रही है उसके लिए बाकायदा सुबह से ही ड्यूटी लगा दी जाती है । आखिर सवाल इस बात का है कि जब उन सिपाहियों की ड्यूटी चौकी इंचार्ज ने लगाई ही नही थी तो इस बात की यदि जांच जरूरी है। यदि जांच हुई तो चौकी इंचार्ज पर गाज गिरना तय है ।

चौकी इंचार्ज ने जिन चार सिपाहियों को लाइन हाजिर करवाया है उनमें सिपाहियों का नाम है कांस्टेबल रिंकू ,कांस्टेबल सौरभ, सुधांशु , कांस्टेबल मोहित पांडे का नाम सामिल है। सूत्रों की माने तो जबसे चौकी इंचार्ज दीपक मिश्रा अरका महावीर की कमान संभाले तब से अपराधों का ग्राफ बढ़ा है । क्षेत्र में जनता इनका नाम वर्दी वाले गुंडा के तौर पर जानती है ,खुलेआम आम जनता से गुंडई करना और लोगों से बदतमीजी से बात इनकी आदत ने शुमार है । इनके कार्यकाल में तमाम बड़ी घटनाएं हुई लेकिन हर बार अपने आपको बचा कर घटनाओं पर पर्दा डालकर अधिकारियों को गुमराह करके बच निकलना आदत मे सामिल है। ऐसा ही फिर नया मामला सामने आया है, देखना है कि इस मामले की क्या वास्तव में जांच कराकर चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई होगी, जो अपने आप को बचाकर अधिकारियों को गुमराह कर बच निकलता है, यह एक बड़ा सवाल है ।

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