रेलवे में कब रुकेगा भ्रष्टाचार, नहीं हो रही है भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही, सीनियर डीपीओ सहित कई लोगों पर हुई है शिकायत, रेलवे के उच्च अधिकारी नहीं ले रहे हैं संज्ञान, नौकरी देने के नाम पर गरीबों से लिए गए लाखों रुपए
👉 ऑफिशियल डॉक्यूमेंट एवं सूत्रों के हवाले से खबर…
रेलवे के डीआरएम ऑफिस में पिछले एक दशक से चल रहा है महिलाओं के शोषण का मामला । डेढ़ वर्ष में किए गए हैं महिलाओ का प्रमोशन, जांच का विषय ।
👉 रेलवे बोर्ड के नियमों की उड़ाई गई है धज्जियां, अन्य कर्मचारियों को बताया जाता है रेलवे बोर्ड का नियम । लेकिन सीनियर डीपीओ के अपने चहेतों और महिलाओं के मामले में नहीं लागू होता है नियम ।
👉 पिछले सीनियर डीपीओ विष्ट किशन कन्हैया से नहीं थे कम ,महिलाओं को रेवड़ी की तरह बांटे प्रमोशन, उनके कारनामोंं की यदि हुुुई जांंच तो फंंसना तय ।
👉 कम उम्र होने के बावजूद भी दी नौकरी ,मामला अति गंभीर जांच का विषय । यदि अधिकारियों ने कराई जांच बिस्ट की रुकेगी पेंशन और होगी रिकवरी ।
वर्तमान सीनियर डीपीओ के भ्रष्टाचार में लिप्त कारनामों की कब होगी जांच, राजनीतिक मे प्रभावी लोगों से सांठगांठ कर जांच को प्रभावित कराने की कवायद में जुटा भौकाली अधिकारी ।
इसके काले कारनामों की शिकायत डीआरएम और जीएम को भी हुई ,सीपीओ नंदकशोर ने नहीं की आखिर क्यों शिकायत पर कार्यवाई, इसके काले कारनामों पर पर्दा डालने में जुटे अधिकारी ।
प्रयागराज । एनसीआर के मंडल कार्यालय प्रयागराज में भ्रष्टाचार इस कदर से चल रहा है रेलवे के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार पर रोक लगाना लगा पाना मुश्किल दिख रहे हैं । डीआरएम आफिस मे सीनियर डीपीओ के द्वारा शुरू हुआ लगभग एक दशक से यह भ्रष्टाचार इन दोनों पूरे सवाब पर है । कहने दो कहने को तो विजिलेंस विभाग एवं अन्य जांच एजेंसियां है लेकिन यह सब भी भ्रष्टाचार रोक पाने में नाकाम है । जैसा कि लोगों का कहना है कि सीनियर डीपीओ बिष्ट इसके पूर्व में इतना टाइम नहीं किया गया और रात के 10:00 बजे का कार्यालय चलता था लेकिन कारनामों से पता चला कि काम की जगह है भ्रष्टाचार और महिलाओं का शोषण किया जाता था । इसका उदाहरण देखने को मिला है कि लोगों को 2 साल से कम समय में ही पदोन्नति कर दी गई । जबकि ब्रांच के बाबू 20 -20 साल से पदोन्नति के लिए तरस रहे हैं । खासकर कार्मिक विभाग के बाबू की चांदी हो गई है कि हाल ही के आए हुए बाबू जो ओ0एस और सीओएस बन गए हैं । जिनको लिखना तक नहीं आता है वह कर्मचारियों का काम महीनों महीनों लटकाए रहते हैं और उनसे पैसा भी लेकर उनका काम नही करते हैं।
उसी नक्शे कदम पर वर्तमान सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा उससे भी ज्यादा चार कदम आगे बढ़कर भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया है और यह भौकाली अधिकारी भी उसी तर्ज पर तेजी से कार्य कर रहा है । विभाग के पुराने महिला कर्मचारियों एवं पुरुष कर्मचारियों की कमी पकड़ कर उनका शोषण करने लगा है । रेलवे मे नौकरी देने के नाम पर कई लोगों से 5-5 लाख रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से वसूली किया है । जिसमें रिसिका सिंह के माध्यम से उसके नाम पर उधारी का स्टांप पेपर सीनियर डीपीओ ने ऐसे की अवैध लिखवा कर पैसे की अवैध वसूली हुई है । इस बात का खुलासा दिनांक 20 अगस्त 2021 को 2 कर्मचारियों के ऑडियो में खुलासा हुआ है । पीड़ितों को जब नौकरी नहीं मिली और पैसे की डिमांड करने लगे तो इस बात को सीनियर डीपीओ और रिसिका सिंह के बीच मामला तूल पकड़ लिया है । जिसमें यौन उत्पीड़न का आरोप सीनियर डीपीओ व अन्य पर लगा जो मामला काफी सुर्खियों में चल रहा है । यह मामला पूरे र्डिपार्टमेंट में चर्चा का विषय बना हुआ है । सीनियर डीपीओ राजेश शर्मा और के0एस शुक्ला सहित कई लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विभाग मे शिकायत की गई जहां पर सिनियर डीपीओ ने निजी पावर का इस्तेमाल कर अपने आप को बचाने में सफल रहा है । वही विशाखा कमेटी ने कृपाशंकर शुक्ला को यौन उत्पीड़न मामले में दोषमुक्त किया है । सिनियर डीपीओ पर दर्जनो से ज्यादा भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्तता की चर्चा विभाग मे बना हुआ है ।
सूत्रों की माने तो चाहे विभागीय परीक्षा में पदोन्नति का मामला हो या नए कंडीडेट को परीक्षाओं मे पास कराने के मामले में करोड़ो रूपये का खेल हुआ है । इसी तरह 6, 7, 8, 9 , जून 2021 चतुर्थ श्रेणी से टीटीई की विभागीय पदोन्नति परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों से पैसे वसूले गए थे उन्हें 6,7,8 को कोई कारण दिखाकर अनुपस्थित /सिक करा दिया गया है और फिर उनको 9 जून 2021 की परीक्षा में सम्मिलित किया गया है । यदि इस मामले में रेलवे के उच्च अधिकारियों ने उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से कराई तो इस भ्रष्टाचार का खुलासा होगा क्योंकि जो रेलवे की विजिलेंस बनाई गई है यह रेल अधिकारियों के संरक्षण के लिए बनाई गई है और कोई कार्रवाई नहीं करती है जिसके कारण रेलवे के अधिकारियों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश नहीं हो पाता है ।
कोरोना काल में इलाहाबाद और कानपुर से समान ना खरीद पर सिनियर डीपीओ अपने गृह जनपद टाउन एरिया उरई से मास्क, सैनिटाइजर आदि सामान खरीद में इस तरह से लूट मचाया कि भ्रष्टाचार के हदें पार कर दी गई ,अगर जांच हुई तो कई करोड़ों के मामले का खुलासा होना तय है । मोतीलाल मिश्रा एवं इनके रैकेट में शामिल लोगों ने मिलकर कोरोना में मठरी आदि सामान जो फ्री में बांटने हेतु यात्रियों के लिए सरकार से निर्देश हुआ था उसमें भी 25 से 30 लाख का समान कैन्टीन के माध्यम से बेच लिया गया है और पैसे कमाने का काम किया गया है । यात्रियों के साथ झूठे फोटो खिंचवा कर सिर्फ कागजों में काम दिखाया गया है ।
सूत्रों की माने तो कोरोना काल में करोडों की अवैध कमाई की रकम से राजेश कुमार शर्मा ने अपने गृह जनपद में करोड़ों की जमीन खरीदा है, यदि जांच हुई तो इस मामले का भी खुलासा होना तय है । इस बात की भी चर्चा खुलेआम है कि राजेश शर्मा अपने बंगले पर मध्य प्रदेश के 2 प्राइवेट लोगों को रखकर अनैतिक एवं अवैध कार्य कराने का काम करते हैं । अपने जनपद उरई में एक पंडित की हत्या की साजिश का प्लान भी बनाए थे ,पंडित की हत्या के मामले में कृपाशंकर ने जब इनकार कर दिया तो उन्हें सिनियर डीपीओ ने कुछ दिन पहले तो टूंडला ट्रांसफर किया फिर बाद में बरखास्त की कार्रवाई कर दिया है । इसी प्रकार रिसिका सिंह का ट्रांसफर भी केन्द्रीय चिकित्सालय प्रयागराज से चंडीगढ कर दिया गया है कि मामले की पोल ना खुल सके । जिन पीड़ितों ने रिशिका सिंह के माध्यम से पैसा दिया है वह इन लोगों से पैसे के लिए चक्कर काट रहे हैं । इन सब कई मामलों की जांच विभाग में उच्च अधिकारियों तक की गई है लेकिन सीनियर डीपीओ ने अपने पास उन जाचों को दबा कर रखा है और कोई कार्यवाही नहीं किया है । अपने प्रभाव से ऊपर के अधिकारियों से सांठगांठ करके जांच को प्रभावित कर रखा है । लोगों का कहना है जब तक सीनियर डीपीओ राजेश शर्मा का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा तब तक भ्रष्टाचार का खुलासा नहीं हो पाएगा क्योंकि राजेश कुमार शर्मा लोकल राजनीतिक पकड़ बना के रखे हैं जिसके दबाव में जांच को प्रभावित कराकर रखे हैं ।उरई पंडित हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड ,यौन उत्पीड़न का आरोपी ऐयास रेलवे अधिकारी राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज तथा अप्राकृति दुष्कर्म का आरोपी कर्मचारी मोतीलाल मिश्रा दोनों की परत दर परत अब पोल खुल रही है । दिनांक 20/ 8/21 के ऑडियो रिकॉर्ड में एक कर्मचारी ने खुलासा किया है कि तीन महिलाओं का शोषण करने वाला अधिकारी राजेश कुमार शर्मा है । जिसकी शिकायत रिषिका सिंह ने CPO को बता चुकी है । दिनांक 20 /8/21 के ऑडियो रिकॉर्ड में एक मुख्य कर्मचारी कल्याण निरीक्षक सूबेदारगंज ने खुलासा किया है कि रिषिका सिंह के 5 लाख रूपये का लेन देन का स्टाम्प पेपर सीनियर डीपीओ ने बनवाया है ।जिला कचहरी प्रयागराज में दिनांक 11 जनवरी 2021 को रेलवे के दो इंस्पेक्टर ने भी जॉच करने के उपरान्त सत्यता पाई कि दोनों पक्षों के बीच रुपए का लेनदेन हुआ है । उधर रिषिका सिंह ने रेलवे के जांच से भागती रही और अनथराइज्ड रूप से अनुपस्थित रही है । उसके बाद भी ऐयास सिनियर डीपीओ ने रिषिका सिंह के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है । 5 लाख रूपये सीनियर डीपीओ और रिषिका सिंह ने मिलकर बंदरबांट किया है । अब परत दर परत जब राज खुलने लगा तो सीनियर डीपीओ ने रिषिका सिंह को चंडीगढ़ कंस्ट्रक्शन में स्थानांतरण कर दिया है । रिषिका सिंह और सिनियर डीपीओ के निकटता का पर्दाफाश भी हुआ है । दिनांक 28 अगस्त 2020 को जॉच अधिकारी ज्योति मय चटर्जी और कृपा शंकर शुक्ला ने रिषिका सिंह के विरुद्ध जांच रिपोर्ट में 4 आरोप तय किए थे, जिसमें सीनियर डीपीओ ने कोई कार्यवाही आज तक नहीं किया है ।
सूत्रों की अगर मानें तो सबसे ज्यादा चौकाने वाला खुलासा तो यह है कि कोरोनाकाल में रिषिका सिंह कई बार सिनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा के राजापुर रेलवे सरकारी बंगले पर तथा एक अन्य होटल एवं रेलवे के रेस्ट हाउस प्रयागराज मे भी गई है । इसकी प्रमाणिकता अगल बगल लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज से प्राप्त किया जा सकता है । यह बातें आमजन लोगों में चर्चा है कि जिस समय सीनियर डीपीओ के ससुर का कानपुर में कोरोना का इलाज चल रहा था उस समय इनकी पत्नी भी घर पर नहीं थी । यह घटना उस.समय की बताई जा रही है जो लोगों की दबी जुबान पर चर्चा का विशष बना हुआ है । उधर अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोपी मोतीलाल मिश्रा के विरुद्ध भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैै । और सूत्रों की मानें तो मोतीलाल मिश्रा की पर्सनल ब्रांच मे एक फोटो स्टेट की मशीन भी लगी हुई है ,जिससे लगभग ₹50 हजार रूपये महीना की उनकी ब्यक्तिगत कमाई होती है । विभाग में आज तक तरह की मशीन को लगाने के लिए टेंडर क्यों नहीं किए गए यह भी जांच का विषय है । आखिर दुष्कर्म के आरोपी मोतीलाल मिश्रा के विरुद्ध अभी तक नहीं की गई कोई कार्रवाई ।