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सुर्ख़ियों में है थाना प्रभारी सराय अकिल, क्षेत्र में बढ़े अपराध, विनीत सिंह के कारनामों से जनता परेशान,वर्दी वाला गुंडा की तर्ज पर कर रहा है काम, ठेंगे पर रखता है अधिकारियों का आदेश

👉उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी शर्मसार कर काली कमाई में मशगूल है इंस्पेक्टर सराय अकिल विनीत सिंह ,अपने कारनामों को लेकर हमेशा रहा चर्चित,दलालों के इसारे पर करता है काम 

👉क्या योगी सरकार में इंस्पेक्टर के काले कारनामे की हो पाएगी निष्पक्ष जांच या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा, बड़ा सवाल.. क्षेत्र में हुई कई चोरियां नहीं हुए एक भी खुलासा

👉 आखिर कब रुकेगी इंस्पेक्टर की तानाशाही, दलितों का करता है उत्पीड़न, नहीं लिखता है रिपोर्ट ,विपक्षियों से करता है मोटी वसूली । जातिवादी मानसिकता से करता है काम, इसके क्षेत्र में कानून व्यवस्था है धड़ाम ।

कौशांबी। उत्तर प्रदेश पुलिस में एक ऐसा इंस्पेक्टर है जो पुलिस वर्दी को शर्मसार कर अवैध वसूली में मशगूल है। ये इंस्पेक्टर अपने कुछ वफादार सिपाहियो से अवैध वसूली करवाता है । गांजा, चरस, अफीम, शराब, सट्टा, जुआँ के अड्डा, लकड़ी माफियाओ से अवैध वसूली कर मालामाल होने वाले पर इसके पहले भी कई बार बदनुमा दाग लग चुका है इंस्पेक्टर सराय अकिल विनीत सिंह के ऊपर लेकिन पुलिस अधिकारियों की मेहरबानी के चलते वसूली में लिप्त इंस्पेक्टर वा सिपाहियो का बाल बांका नहीं हो पाता है। बता दें कि यह इंस्पेक्टर इन दिनों कौशाम्बी जनपद के थाना सराय अकिल में पोस्ट है ।

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह इंस्पेक्टर पूरे दिन अवैध शराब भट्टी संचालकों से धना दोहन करवाने में इसको महारत हासिल है। इलाके में अवैध तरीके से अगर कोई कार्य होता है तो इंस्पेक्टर विनीत सिंह को पैसा चाहिए , खनन माफियाओं से भी इंस्पेक्टर सराय अकिल विनीत सिंह लाखों रुपए महीने की अवैध वसूली कर रहे हैं। पूर्व में इन पर अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लग चुका है। हालांकि, पुलिस की जांच पड़ताल के बीच यह आरोप लिखा – पढ़ी में बच गए हैं। डग्गामार वाहनों से वसूली कर अवैध वाहनों के संचालन को इंस्पेक्टर बढ़ावा दे रहे हैं।

नाबालिग चालकों के हाथ वाहन की स्टोरिंग होने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं जिससे तमाम लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं और तमाम लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते रह जाते हैं। इलाके में संगठित अपराध सिर चढ़कर बोल रहा है। संगठित अपराध में लगे माफिया बेखौफ हैं और वर्दी की आड़ में ये इंस्पेक्टर संगठित अपराध में लिप्त लोगों से वसूली में मशगूल हैं। गांजा, चरस, अफीम, शराब, सट्टा, जुआँ के अड्डा, लकड़ी माफियाओ से अवैध वसूली कर मालामाल होने वाले इंस्पेक्टर पर आखिर पुलिस आला अधिकारी क्यों मेहरबान हैं, यह बड़ी जांच का विषय है।

इंस्पेक्टर की अवैध वसूली की ओर पुलिस आला अधिकारियों की नजर नहीं पहुंच रही है। जिस पर लगातार संगठित अपराधियों से सांठगांठ अवैध वसूली अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा। चर्चाओं पर जाएं तो एक भाजपा सरकार के माननीय का संरक्षण प्राप्त इस इंस्पेक्टर विनीत सिंह को इसके आतंक अत्याचार के चलते पुलिस वर्दी शर्मसार हो रही है। थाना प्रभारी ने एक ऐसा दलाल पाल रखा है और उसी के इशारे पर काम करता है जिससे क्षेत्र की जनता त्रस्त है । इंस्पेक्टर और दलाल के संबंध की चर्चा खुलेआम है जो रात दिन चाटुकारिता में मस्त है । सूत्रों कि माने तो दलाल इतना सक्रिय है कि उनका थाने के मेस में खाना-पीना, उठना बैठना, जब देखो थाने में मौजूद रहते हैं और फरियादियों के कार्यों में हस्तक्षेप करना खुले आम बात है । अगर थाने के सीसीटीवी कैमरे फुटेज निकाला जाए और इंस्पेक्टर और दलाल के संबंधों की जांच करना हो तो उनके बीच हुए फोन कॉल डिटेल से खुलासा हो सकता है । सोसल मीडिया मे फोटो खिंचाकर उसे वायरल कराकर हमेशा अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे इस इन्स्पेक्टर के कारनामों की जॉच की जरूरत है ।

लगातार पुलिस वर्दी को कलंकित कर काली कमाई में लगे इंस्पेक्टर एक भाजपा सरकार के माननीय को भी बदनाम करने से बाज नहीं आ रहा है । बताया जाता है कि काली कमाई से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले उक्त इंस्पेक्टर विनीत सिंह ने प्रयागराज शहर सहित अपने पैतृक गांव में आलीशान मकान बनवाया है। चित्रकूट मंडल में भी उक्त निरीक्षक के पास अकूत संपत्ति एकत्रित है।

इतना ही नहीं कई जमीन प्लाट भी उक्त निरीक्षक ने परिजनों के नाम खरीदा है। बताया जाता है कि उक्त निरीक्षक के पास बेनामी संपत्तियों का भंडार है। यदि निरीक्षक के काली कमाई की कारनामे को योगी सरकार ने जांच कराई तो बेनामी संपत्तियों का खुलासा होना तय है लेकिन क्या पुलिस महकमे में संगठित अपराध को बढ़ावा देकर अपराधियों को संरक्षण देने वाले इंस्पेक्टर के कारनामे पर पुलिस महकमे में निष्पक्ष जांच हो पाएगी या फिर सब कुछ इंस्पेक्टर की तानाशाही गुंडई बेखौफ तरीके से योगी सरकार में भी चलती रहेगी यह योगी सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा है ।

बता दें कि थाना सराय अकिल इलाके में हुई चोरियो के 1 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक सराय अकिल पुलिस ने 5 घरों के चोरियों का खुलासा नहीं किया है । थाना सराय अकिल क्षेत्र के हिमांचल का पुरवा मजरा महगूपुर गांव का पूरा का मामला है।

बेखौफ अपराधियों को अब सराय अकिल पुलिस का तनिक भी भय नहीं रह गया है । सराय अकिल क्षेत्र में चारों तरफ अराजकता फैली है, अपराधी, चोर ,माफिया बेखौफ दिखाई पड़ रहे हैं । बेहतर पुलिसिंग की बात करने वाली पुलिस का खौफ सराय अकिल मे नहीं दिख रहा है । इसी बीच सराय अकिल थाना छेत्र में विगत एक माह पूर्व लगातार पांच घरों में चोरों ने इंस्पेक्टर सराय अकिल विनीत सिंह को दी थी सलामी लेकिन अभी तक चोरियों का खुलासा नही हो पाया । सफल अनावरण ऐसी कई दर्जनों घटनाओ का खुलासा करने में हफी महसूस कर रही है सराय अकिल थाने की पुलिस सिर्फ वसूली तक ही सीमित रह गई है । सराय अकिल पुलिस चोरी जैसी कई घटनाओं का नही कर पा रही है कोई भी खुलासा । सूत्रों की माने तो कई लोगो को पुलिस पकड़कर लाई थी लेकिन इंस्पेक्टर विनीत सिंह उन लोगो से मोटी वसूली उन अपराधियो को छोड़ दिया है ,ऐसे स्थिति में थाना पुलिस पर तमाम सवाल खड़े हो रहे है ।

👉नगर की जनता बेहतर पुलिसिंग पर सवाल उठाने लगी है चोरियो का घटना क्रम इस प्रकार है ..

घटना क्रम 1 – सुमित मिश्रा पुत्र लालता प्रसाद मिश्रा निवाशी ग्राम हिमांचल का पुरवा इनके यहा 55 हजार नगदी वा 30 हजार रुपये की जेवरातों की चोरी ।

घटना no 2 – हरिशंकर तिवारी पुत्र प्रहलाद तिवारी इनके यहाँ 30 हजार नगद वा जेवरातों की चोरी ।

घटना no 3 – राम कैलास मिश्रा पुत्र रामनेवाज इनके यहाँ 12 हजार नगद वा कुछ जेवरातों की चोरी ।

घटना no 4 – प्रेमा देवी पत्नी शिवबरन सरोज इनके यहाँ कुछ नगदी अनाज व जेवरातों की चोरी ।

घटना no 5 – छोटेलाल पाल पुत्र असर्फीलाल पाल इनके यहाँ भी कुछ नगदी वा जेवरातों की चोरी ।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरे दिन अवैध शराब संचालकों को से धना दोहन करवाने में ये इंस्पेक्टर विनीत सिंह को महारत हासिल है । इलाके में अगर कोई अवैध तरीके से कार्य होता है तो इसको सिर्फ पैसा चाहिए ,खनन माफियाओं से भी यह इंस्पेक्टर लाखों रुपए महीने की अवैध वसूली कर रहा है । पूर्व में इस पर अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लग चुका है ,इलाके में संगठित अपराधों में लगे माफिया बेखौफ है औऱ वर्दी की आड़ में ये अपराध में लिप्त लोगों से वसूली में मशगूल है । स्पेक्टर की अवैध वसूली की ओर पुलिस आला अधिकारियों की नजर नहीं पहुंच रही है जिस पर लगातार संगठित अपराधियों से सांठगांठ हुए वसूली अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है । चर्चाओं पर जाएं तो एक भाजपा सरकार के माननीय का संरक्षण प्राप्त है । सूत्रों की मानें तो इस इंस्पेक्टर के पास बेनामी संपत्ति का भंडार है यदि यह इंस्पेक्टर के काली कमाई की कारनामों की योगी सरकार ने जांच कराई तो बेनामी संपत्तियों का खुलासा होना तय माना जा रहा है । क्या पुलिस महकमे में संगठित अपराध को बढ़ावा देकर अपराधियों के संरक्षण देने वाले इंस्पेक्टर के कारनामे पर पुलिस महकमे से निष्पक्ष जांच हो पाएगी या फिर सब इंस्पेक्टर की तानाशाही गुंडई बेखौफ तरीके से योगी सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा है ,यह जांच का विषय ।

महज फोटो खिचाने तक सीमित है सराय अकिल थाने का कोतवाल ,अपराध पर अंकुश लगा पाने मे नाकाम, महज कारखास सिपाहियों के सहारे दिन रात अवैध धनदोहन मे है मशगूल । सूत्रों की मानें तो कारखास के माध्यम से 3.5 लाख महीना की होती है अवैध वसूली..

थाना क्षेत्र मे पखवारे भर पूर्व हुई दर्जनों चोरियो का आज तक खुलासा नही हो सका है  । इस इंस्पेक्टर की तमाम करोड़ों की बेनामी सम्पतियों की कब होगी जांच , यह योगी सरकार की भ्रस्टाचार मुक्त कानून ब्यवस्था पर बड़ा सवाल है । एक माननीय को बताता है अपना खास रिस्तेदार, माननीय का भी नाम खराब करने में लगा है सराय अकिल का कोतवाल विनीत सिंह,आखिर ऐसे कोतवाल पर क्यों मेहरबान है पुलिस अफसर,ये जाँच का विषय …

जब से यह इंस्पेक्टर कौशांबी जनपद में आया है, जहां भी रहा है अपने कारनामों को लेकर चर्चित रहा है । इसी प्रकार प्रयागराज में यह जहां – जहां भी रहा है अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है । यही कारण है कि प्रयागराज मे इसको कई बार डांट भी मिली है लेकिन यह अपने कारनामों से और आदतों से बाज नहीं आ रहा है । इसकी नजर में सिर्फ पैसा ही पैसा है ,कोई भी गलत काम करो लेकिन इस इंस्पेक्टर को पैसा दो उसके बाद यह खुलकर उसे बचाने का काम करता है । यही कारण है कि यह जहां जहां तैनात रहा है वहां अपराधों की बढ़ रही है ,क्षेत्र की जनता हमेशा परेशान रही है लेकिन अधिकारी इंस्पेक्टर के कारनामों पर कब ध्यान देंगे यह एक बड़ा सवाल है।

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