पूर्व विधायक संजय गुप्ता का फिर आया सामने एक नया कारनामा, इनके स्कूल के टीचर ने लगाया संजय गुप्ता पर सेलरी मांगने पर झूठे मुकदमे मे फंसाने का आरोप, टीचर के बगावत के बाद मिली कई लोगों की बाकी सैलरी
👉 संजय गुप्ता अपने विद्यालय में पढ़ाने वाले अंग्रेजी प्रवक्ता राम पूजन तिवारी की रोका है 2 महीना की सेलरी।
👉 6 महीना से सेलरी मांग रहे टीचर राम पूजन तिवारी ने जब फेसबुक डाली एक पोस्ट तो नाराज प्रबंधक ने लगाया मनगढ़ंत आरोप , परसरा भरवारी स्थित केपीएस कॉलेज का है पूरा मामला , कई बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर चल रहा स्कूल,हॉस्टल तथा बनी है बिल्डिंग्स…
👉 टीचर को ₹80 हजार सैलरी ,प्रिंसिपल बनाने और शिफ्ट डिजायर गाड़ी देने का दिया प्रलोभन लेकिन टीचर ने किया इनकार । खेलगांव स्कूल में नौकरी करना लगा संजय गुप्ता को नागवार…
जिले में पूर्व विधायक संजय गुप्ता का एक नया कारनामा सामने आया है जिसने अपने यहां 4 साल स्कूल में अंग्रेजी पढ़ान वाले प्रवक्ता राम पूजन तिवारी पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर फंसाने का पूरा प्रयास कर रहा है । पीड़ित टीचर ने जिला अधिकारी को पत्र देकर 2 महीना की सैलरी दिलाने की बात कही है । उन्होने बताया कि सैलरी मांगने के नाम पर पूर्व विधायक ने टीचर पर झूठा मनगढ़ंत आरोप लगाया है और मुकदमा लिखाने की साजिश रची जा रही है । पीड़ित टीचर ने जिलाधिकारी को पत्र देकर और पुलिस अधीक्षक से मिलकर सैलरी दिलाने की बात कही है क्योंकि राम पूजन तिवारी प्रेसिडेंसी स्कूल परसरा भरवारी मे अंग्रेजी प्रवक्ता टीचर थे । राम पूजन तिवारी केपीएस पूर्व विधायक संजय गुप्ता के यहां स्कूल मे 4 साल पढाते रहे है उनको सहायक प्रधानाचार्य भी बनाया गया है । जब वह खेलगांव में नए सत्र से पढ़ाने की बात प्रिंसपल सीमा पवार से करने लगे तब उनको रोका गया और 80 हजार सैलरी तथा प्रिंसिपल बनाने और एक सिफ्टडिजयर गाड़ी देने की बात संजय गुप्ता ने ऑफर दिया लेकिन टीचर ने अस्वीकार कर दिया । इसके बाद ही टीचर पर मनगढ़ंत झूठा आरोप लगाया है ताकि 2 महीने की सैलरी नहीं देना पड़े और अब संजय गुप्ता द्वारा पुलिस से शिकायत कर टीचर पर सोशल मीडिया में चलाई गई पोस्ट को लेकर दबाव बनाया जा रहा है ।
बता दें कि इसके पहले भी दर्जनों लोगों की संजय गुप्ता ने सैलरी नहीं दिए थे और कई महीना तक सेलरी रोक रखते थे । अंग्रेजी प्रवक्ता राम पूजन तिवारी के विरोध के बाद फिलहाल संजय गुप्ता ने अपने यहां अन्य सभी टीचरों को बुलाकर बाकी लोगों की सैलरी आनन-फानन में इसलिए दे दिए कि उनके ऊपर यह आरोप अन्य लोग ना लगा सके नहीं तो बदनामी होगी लेकिन इनकी सैलरी नही दिए । राम पूजन तिवारी का खेल गांव प्रयागराज में सेलेक्शन हो गया है । उन्होंने संजय गुप्ता के स्कूल से इस्तीफा दे दिया था , तब संजय गुप्ता ने उन्हे बुलाकर विद्यालय का प्रिंसिपल बनाने एवं ₹80 हजार सैलरी तथा एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी देने का प्रलोभन दिया लेकिन उनके इनकार कर देने पर यह बात पूर्व विधायक को नागवार गुजरी है । राम पूजन तिवारी से नाराज होकर संजय गुप्ता ने उन पर मनगढ़ंत आरोप लगाया और 2 महीने की सैलरी रोक दिया । जब पीड़ित ने सोशल मीडिया पर बिना नाम छापे ही एक पोस्ट चलाई तो उसी से नाराज होकर टीचर को फंसाने का मनगढ़ंत आरोप लगातार सत्ता के प्रभाव में दबाव बनाया जा रहा है । आरोप भी यह लगाया गया है कि तत्कालीन प्रिंसिपल सीमा पवार से 25 हजार रूपए उधार लिए थे ,जबकि 4 साल के बीच में कई प्रिंसिपल भी बदले जा चुके हैं और वर्तमान समय में सीमा पवार हैदराबाद चली गई है और एक नए प्रिंसिपल की नियुक्ति फिर कर ली गई है ।
बता दें कि संजय गुप्ता के इशारे पर चौकी इंचार्ज भरवारी ने शिवपूजन तिवारी को 10 अक्टूबर को बुलाकर एसपी ऑफिस ले गए जहां पर एसपी के सामने पेश होकर राम पूजन तिवारी ने अपनी सारी बात बताई । अंडर ट्रेनिंग सीईओ अभिषेक सिंह से भी उन्होंने बताई पूरी अपनी कहानी और अपनी सैलरी दिलाने की उनसे भी फरियाद किया है । राम पूजन तिवारी ने बताया कि एसपी ऑफिस के बाद अंडर ट्रेनिंग सी0ओ अभिषेक सिंह ने लगभग डेढ़ घंटे तक राम पूजन तिवारी से बातचीत किए और राम पूजन तिवारी का मोबाइल तथा उनकी पत्नी का एक अन्य मोबाइल जो उनके पास था तथा उनके साले का मोबाइल जमा करवा दिया था और काफी सर्च करने के बाद लगभग डेढ़ घंटे बाद मोबाइल वापस कर दिए है , इस मामले के सीसीटीवी के फुटेज भी गवाह है । उन्होंने बताया कि मोबाइल देने के बाद सीओ ने कहा कि एक एप्लीकेशन माफीनामा लिखकर संजय गुप्ता से माफी मांग लो, जिससे सारा विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन जब राम पूजन तिवारी ने यह कहा कि सर मैंने कोई गलती नहीं की है, मेरी 2 महीना की सैलरी पूर्व विधायक खुद नहीं दी है- मेरा उनसे कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है । वो मेरी गाढी कमाई की सैलरी दे दे और मुझसे किसी प्रकार का उनका कोई विवाद या झगड़ा या वैमनस्यता नहीं है । इस बात के बाद सीओ ने कहा कि यदि आप ऐसा नही करोगे तो आपके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो जाएगा । अब देखना यह है कि संजय गुप्ता के इस फेंके गए मनगढ़ंत जाल में क्या एक निर्दोष टीचर को बलि का बकरा बना कर उसको झूठे केसों में फंसाया जाता है या फिर उसके साथ पुलिस प्रशासन द्वारा न्याय दिलाया जाएगा यह एक बड़ा सवाल है ।
बता दें कि संजय गुप्ता जब अपने विद्यालय में 4 साल तक अंग्रेजी प्रवक्ता राम पूजन तिवारी को पढाने के बाद सैलरी नहीं देना और उस पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर बदनाम करना और तरह-तरह के पुलिस से शिकायत करा कर प्रताड़ित करवाना चर्चा का विषय बन रहा है । इसी प्रकार कई कर्मचारियों को सैलरी मांगने पर परेशान करना, उनसे जबरन काम लेना, एक फोर्थ क्लास के कर्मचारी पर भी सैलरी मांगने पर उसको भी परेशान कराना तथा एक नगर पालिका परिषद के कर्मचारी को कई वर्षों तक अपने घर में रख कर जबरन काम कराना और जब वह काम करने से इंकार कर दिया तो उसको इतना मार दिए कि वह अस्पताल में भर्ती होकर दम तोड़ दिया आदि बातें इनकी आदत में शामिल है जिसकी चर्चा अब धीरे-धीरे खुलकर सामने आने लगी है ।
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