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डीआरएम ऑफिस में भ्रष्टाचारियों पर नहीं हुई कार्यवाही, जांच को दबाकर उठाया जा रहा है फायदा, आखिर जांच को दबाने वालों पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई

👉 सीनियर डीपीओ ने कई जांचों को दबाकर है रखा ,आखिर क्यों नहीं की कारवाही, यह एक बड़ा सवाल ?

👉 इस मामले में यदि डीआरएम और जीएम नेे लिया संज्ञान तो कारवाही होना तय ।

👉 सीनियर डीपीओ पर भ्रष्टाचार के मामले में लग रहे हैं कई गंभीर आरोप, आखिर क्यों नहीं हो रही है इनके मामले में जांच ।

👉 17 साल में नौकरी देना एवं डेढ़ साल प्रोबेशन पीरियड में प्रमोशन देना, मोतीलाल मिश्रा की हुई जांच में कार्रवाई ना होना आदि गंभीर मामले पड़े हैं पेंडिंग, सीनियर डीपीओ ने सभी जांंच को दबा कर रखा – आखिर क्यों नहीं हुई कार्रवाई…

👉 क्या इन सभी मामलों को दबा के रखने के मामले में सीनियर डीपीओ की भी होगी जांच, यह एक बड़ा सवाल ?

प्रयागराज । एनसीआर के डीआरएम ऑफिस प्रयागराज में भ्रष्टाचारियों का इतना बड़ा रैकेट है कि इसको समाप्त करना शायद उच्च अधिकारियों की भी बस की बात नहीं है । यही कारण है कि डीआरएम ऑफिस में सीनियर डीपीओ के मामले में तमाम शिकायतें होने और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद भी नहीं आज तक कोई जांच हुई है और ना ही कोई कार्रवाई हो रही है ।  इनके रैकेट में शामिल कई कर्मचारियों की लिखित शिकायत हुई ,जिस पर कार्रवाई करने के लिए जांच भी हुई लेकिन उन सभी जांच को सीनियर डीपीओ ने दबा कर रख लिया है और उसके बदले में व्यक्तिगत हित का लाभ लेते हुए दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध जांच में आरोप साबित होने के बाद भी उनको बचाने का काम किया है ।

सूत्रों की माने तो दिनांंक २० अगस्त २०२० की जॉच आदेश राजेश कुमार शर्मा ने रिषिका सिंह कार्यालय अधीक्षक कार्मिक के विरुद्ध नियुक्त जॉच अधिकारी ज्योतिरमय चटर्जी तथा कृपा शंकर शुक्ला की जॉच रिपोर्ट मे दिनांंक 28 अगस्त २०२० को चार आरोप तय किया था । इस मामले में आखिर क्यों नहीं आज तक जॉच रिपोर्ट पर अनुशासनात्मक कार्यवाही शून्य है । यदि देखा जाए तो इस तरह के तमाम कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट आने के बाद भी उस पर कार्रवाई न करना सीनियर डीपीओ राजेश कुमार शर्मा पर के कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है ।

सबसे पहले दिनांक 18 नवम्बर 2020 रिषिका सिंह ने यौन उत्पीडन का आरोप राजेश कुमार शर्मा सीनियर डीपीओ प्रयागराज तथा  कृपा शंकर शुक्ला पद कार्यालय अधीक्षक कार्मिक पर लगाया था । यदि फिर से निष्पच्छ जॉच हेतु पीड़िता महिला रिषिका सिंह सहित सभी का नारकोटेस्ट कराया जाय ताकि पीड़िता के आरोप का पर्दाफाश हो और न्यायालय में अपराध को आसानी से सिद्ध किया जा सके । इस मामले मे जो भी दोषी पाया जाता है उसके विरुद्ध कडी कार्यवाही और सजा का पात्र होगा । नार्को टेस्ट का पीड़िता महिला सहित सभी का खर्च दोनो आरोपी राजेश कुमार शर्मा तथा कृपा शंकर शुक्ला को वहन करना चाहिए । देखा जाए तो यह सभी किरदार अपने-अपने मामले में झूठ का सहारा लेकर अपने को पाक साफ बताने में कामयाब है । यदि इस तरह का टेस्ट होता है जो झूठ बेनकाब हो सकेगा ।

दिनांंक 24 फरवरी २०२० को पुलिस तहरीर में रिषिका सिंह के अनुसार कृपा शंकर शुक्ला तथा राजेश कुमार शर्मा के मोबाईल लोकेशन और काल डिटेल निकलवाई जाय ताकि लगाए गए आरोप को बेनकाब किया जा सके । एक तरह सेे देखा तो यौन उत्पीड़न के मामले में सीनियर डीपीओ और कृपाशंकर शुक्लाला दोनों पर आरोप लगा था लेकिन एक के खिलाफ विशाखा कमेटी की जांच हुई वहीं सीनियर डीपीओ पर आज तक कोई जांच के लिए टीम गठित  क्यों हुई, यह सवाल भी लोगोंं के दिमाग में कौंध रहा है ।

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