कौशाम्बी में गाड़ियों के ठेके में घोटाला उजागर ,कमर्शियल की जगह चलाई जा रही हैं प्राइवेट गाड़ियाँ ,परिवहन विभाग का रेवनू भी हो रहा चोरी

👉 मानकविहीन वाहन, फिर भी हो रहा हर माह भुगतान , अधिकारियों की चुप्पी से गहराया भ्रष्टाचार का शक
👉 कौशाम्बी में गाड़ियों के ठेके में खुला भ्रष्टाचार का खेल! मानक विहीन गाड़ियों को उपयोग कर रहे अधिकारी ..
👉 तीनों तहसील में एसडीएम,तहसीलदार और नायब तहसीलदार सहित कलेक्ट्रेट में भी लगी है ट्रेवल्स की 10 गाड़ियां
कौशाम्बी । जिले में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहाँ उर्मिला ट्रैवेल एजेंसी को जिले के तीनों तहसील में एसडीएम सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के यहाँ वाहन आपूर्ति का ठेका दिया गया। यह ठेका 10 गाड़ियों के लिए था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
शर्तों के अनुसार ठेके में कमर्शियल गाड़ियों की आपूर्ति होनी चाहिए थी, लेकिन एजेंसी द्वारा निजी रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियाँ तैनात की गई हैं। यह सीधा-सीधा सरकारी नियमों और वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इसके बावजूद हर माह इन गाड़ियों का लगभग 23 हजार 700 रुपए भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है, जो सरकारी धन का दुरुपयोग है।
सूत्रों की माने तो इन गाड़ियों का न तो बीमा अपडेट है, न ही फिटनेस सर्टिफिकेट, और न ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र—यानि ये वाहन पूरी तरह मानक विहीन हैं। इसके बावजूद अधिकारी इन गाड़ियों का नियमित उपयोग कर रहे हैं, जो इस पूरे मामले में संभावित मिलीभगत की ओर इशारा करता है और जैम पोर्टल पर लिए गए टेंडर का मानक पूरा नहीं कर रहें हैं।
सबसे हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर चुप्पी साधे बैठे हैं, न कोई जांच शुरू हुई है, न जवाबदेही तय की गई है। यह प्रकरण न सिर्फ नियमों की अनदेखी है, बल्कि खुलेआम भ्रष्टाचार का उदाहरण भी है।
अब सवाल उठता है—क्या सरकार और प्रशासन इस तरह के मामलों पर भी आंख मूंदे रहेगा? आवश्यक है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। नियम विरुद्ध ट्रैवल्स द्वारा लगाई गई गाड़ियों का भुगतान रोक कर जांच की आवश्यकता है ।
इस संबंध में जब अपर जिला अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराकर कर्रवाई की जाएगी ।
अमरनाथ झा पत्रकार – 8318977396