भ्रष्ट लेखपाल को मलाईदार तैनाती, नियम-कानून का हो रहा उल्लंघन , एसडीएम सदर का विवादित फैसला ,दोषी लेखपाल को पाता गांव में किया तैनात ,मंझनपुर तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर, नौकरशाही बेलगाम
👉 तहसील प्रशासन में धन उगाही और भू-माफियाओं को संरक्षण का आरोप , इनके संरक्षण में चारों तरफ जिले हो रही अवैध प्लाटिंग
👉 लेखपाल अजीत पटेल पर पहले भी लगे गंभीर आरोप, फिर भी मिली प्रमुख तैनाती ,SDM आकाश सिंह पर धन उगाही के लिए खासम-खास की तैनाती का आरोप
👉 समदा में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे, तहसील प्रशासन पर मिलीभगत का संदेह, पत्रकारों की खबरें भ्रष्ट अधिकारियों के लिए बनीं कमाई का जरिया
👉 मंझनपुर तहसील में आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति की जांच की मांग तेज,अवैध वसूली और विवादों से घिरा तहसील प्रशासन, जनता में रोश
कौशाम्बी। मंझनपुर तहसील में भ्रष्टाचार का खेल खुलकर सामने आ रहा है। भ्रष्टाचार में लिप्त लेखपाल अजीत सिंह पटेल को एसडीएम सदर ने समदा से हटाकर पाता गांव में तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि लेखपाल अजीत सिंह पटेल पहले भी विवादित रहे हैं। धान खरीद और पट्टा आवंटन में हुई गड़बड़ियों के चलते उन पर कार्यवाही भी हुई थी। जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उन्हें नियमों को ताक पर रखकर मलाईदार गांव में तैनाती दी जा रही है।
एसडीएम सदर और नायब तहसीलदार पर रिश्तेदारी के चलते पक्षपात का आरोप
सूत्रों के अनुसार, अजीत पटेल नायब तहसीलदार ओमप्रकाश सिंह के रिश्तेदार हैं। इसी वजह से उन्हें बार-बार प्रमुख और मलाईदार जगहों पर तैनाती मिल रही है। लोगों का कहना है कि यह ट्रांसफर भ्रष्टाचार का खुला उदाहरण है।
तहसील प्रशासन पर धन उगाही और भू-माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप , खुलेआम कराई जा रही अवैध प्लाटिंग।
मंझनपुर तहसील प्रशासन पर धन उगाही और भू-माफियाओं को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। समदा में सरकारी जमीनों पर कब्जा हटाने के नाम पर मोटी रकम लेकर फाइलें दबा दी जाती हैं। खुलेआम सरकारी जमीन पर भी अवैध प्लाटिंग हुई है उस तरफ इनकी निगाह नहीं जाती है चूंकि उनसे इनकी रिश्वतखोरी का धंधा चल रहा है। हाल ही में नायब तहसीलदार की खोजवापुर गांव में अवैध वसूली की वजह से की गई कारवाही के चलते पिटाई हुई थी।
एसडीएम आकाश सिंह का विवादित रहा रिकॉर्ड ,पहले भी कई बार फरियादियों से बदसलूकी करना और अधिवक्ताओं ने इनके खिलाफ किया था लिखापढ़ी
एसडीएम आकाश सिंह पहले भी तहसील में विवादित रहे हैं,अंधाधुंध धन उगाही के लिए चर्चित रहे हैं। दीवर कोतारी एक किसान की जमीन में चर्चित रहे है । भैला मकदुमपुर में एक विधवा की जमीन पर कब्जा करवा दिया और और उसके लड़के को जेल भेज दिया जो काफी चर्चा में मामला रहा है। मंझनपुर में नरेश केसरवानी की जमीन पर पैसा की डिमांड न पूरी होने पर जेसीबी चलवा दिया गया आदि तमाम मामले चर्चित रहे हैं। अवैध तरीके से गाड़ी का प्रयोग , अपने करीबियों और कई अलग अलग शहरों में सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग का भी मामला चर्चा में रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि गाडी का तेल बेचकर ड्राइवर की पेमेंट दी जाती है मनमानी गाड़िया लगाई जाति है जो बिना कमर्शियल है । भ्रष्टाचार का आलम सिर चढ़कर बोल रहा है लेकिन कौन बोले इनको ये आला अधिकारी ही सरकार है । जो चाहे कर डालते है इनका नजर में कानून कोई मायने नही रखता है। नायब तहसीलदार मोबीन अहमद कुछ माह पहले सोनौली उमरपुर में बिना किसी आदेश के एक महिला की 6 फीट ऊंची दीवार गिराने का मामला सामने आया था। अब सदर में उनकी कार्यशैली फिर से चर्चा का विषय बन गई है। कई बार अधिवक्ताओं ने भी एसडीएम के कारनामों से तंग होकर इनके ख़िलाफ़ लिखा पढ़ी भा किया था। बिना रिश्वत के मंझनपुर तहसील का कोई काम करवाना मुश्किल हो गया है। समदा की सरकारी जमीन अ0न0 310 ,312, 314,315 ,317 ऊसर भी कब्जा कर अवैध प्लाटिंग करा दी गई है, इस मामले में खबर भी चली थी लेकिन खाली नहीं कराई गई है।
पत्रकारों की खबरें भ्रष्ट अधिकारियों के लिए बनीं कमाई का जरिया
लोगों का कहना है कि मंझनपुर तहसील में पत्रकारों की खबरों को भी कमाई का जरिया बना लिया गया है। भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती। बल्कि उन 4खबरों को लेकर सौदेबाजी हो जाती हैं।
बेनामी संपत्ति की जांच की मांग
जनता ने मंझनपुर तहसील प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों की आय से अधिक और बेनामी संपत्ति की जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यहां “अंधा पीसे, कुत्ते खाएं मलाई” की तर्ज पर काम हो रहा है। तहसील की नौकरशाही बेलगाम हो गई है।
इस तरह मंझनपुर तहसील रोड पर स्थित मोहम्मद नूह की जमीन पर जबरन पांच लाख रुपए लेकर एक नेता को जबरन दूसरे गाटा संख्या पर कब्जा कराया एवं छः गोमती लोहे की रखकर करा दिया कब्जा एवं भुक्तभोगी मोहम्मद नूह बीमार है, घर में बेड पर पड़ा है जो चर्चा में हैं । मुख्यमंत्री सहित डीएम एवं आला अधिकारियों से लिखित रूप से किया शिकायत किया लेकिन एसडीएम आकाश सिंह का फरमान है कि चाहे जहां शिकायत करोगे देखना एवं निपटाना काम तो हमारा ही है। ऐसे दर्जनों मामले हुए है।
अमरनाथ झा, पत्रकार – 9415254415
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👉 पहले भी भ्रष्टाचार से जुड़ी कई खबरे चली अवैध प्लाटिंग की लेकिन नहीं हुई कार्यवाही ,भूमाफिया का खेल: प्रशासन फेल,बिना परमीशन नहर में बनता रहा पुल ।
👉 विनियमित क्षेत्र अधिकारी से नही लिया परमीशन,कृषि में बैनामा कराकर कर दिया है प्लाटिंग ,दर्जनों जगह हो रही प्लाटिंग
👉 समदा में कोल्ड स्टोरेज के पास बना नाला हो गया गायब , नाला गायब बना दिया गया है रोड और हो गई आगे प्लाटिंग ,नहीं हुई एग्रीकल्चर लैंड की जांच ।
कौशाम्बी । जनपद के जिलें में एक भूमाफिया की बल्ले-बल्लें है,उसके खेल के आगे जिला प्रशासन पूरी तरह से फेल हो चुका है। बतां दें कि उक्त भूमाफिया ने समदा निवासी दो भाइयो की भूमि को खरीदा। जिसमें एक भाई के हिस्से की भूमि को पहले कृषि में रजिस्ट्री कराकर उसे प्लाटिंग कर दिया। दोबारा उसी भूमि को उक्त भूमाफिया नें दूसरे भाई से भी मंझनपुर के सब रजिस्ट्रार से मिलीभगत करके कृषि में बैनामा कराकर प्लाटिंग कर बेच रहा है। जबकि सब रजिस्ट्रार को नियमतः शेष भूमि को कृषि में बैनामा नही करना चाहिये,क्यो कि उक्त भूमि कार्मशियल हो चुकी थी। यही नही भूमाफिया ने रामपुर बसोहरा गांव वर्तमान में नगर पालिका का अटल बिहारी नगर में भरवारी निवासी दो भाइयो एक बीधा भूमि खरीदी,तथा तीसरे ही दिन उसमें एक प्लाट बेच दिया। वर्तमान में उसी भूमि पर प्लाटिंग करने की नीयत से नहर में बिना किसी परिमीशन के पुल निर्माण के लिये शनिवार को नीव खुदवाना शुरू कर दिया। भूमाफिया के द्वारा किये जा रहे अवैध कार्यो की फेहरिस्त बहुत लम्बी है,यदि प्रशासन ने पूरी तरह जांच कराई तो करोडो रूपये का स्टांप कमी के साथ भारी जुर्माना भूमाफिया को जमा करना पड सकता है।
समदा का चर्चित मामला दिनांकवार – भूमाफिया नें विनियमित क्षेत्र नगर पालिका मंझनपुर के समदा स्थित आराजी गाटा सख्या 25 को जो कि दो भाइयों जमादुल खां व समद खा पुत्रगण जमा खां के हिस्सें में ढेड बीधा रही है।
1-यह कि किसान समद खा पुत्र जमा खां निवासी समदा से रकबा ढेड बीधा का 1/2 भाग भूमाफिया नें कृषि में जरिये बैनामा 24-07-2019 से लिया। जिसके बाद भूमाफिया नें विनियमित क्षेंत्र के प्राधिकारी अधिकारी की बिना अनुमति व बिना नक्सा के उक्त आराजी को प्लाटिंग करके फरहत सबा को दिनांक 17-08-2019,महेन्द्र सिंह को दिनांक 01-10-2019,शकुन्तला देबी को 05-10-2019 को, सुप्रिया वर्मा को दिनांक 10-10-2019 को,नम्रता कुशवाहा को दिनांक 15-10-2019 को,उमा वर्मा को दिनांक 15-10-2019 को, धनश्याम बाबू वर्मा को 04-11-2019 को प्लाट की रजिस्ट्री किया।
2-यह कि किसान जमादुल खां पुत्र जमा खां निवासी समदा से रकबा ढेड बीधा का 1/2 भाग दोबारा भूमाफिया नें कृषि में जरिये बैनामा 15-11-2019 को लिया।
3-यह कि जिसके बाद भूमाफिया नें दोबारा भी विनियमित क्षेंत्र के प्राधिकारी अधिकारी की बिना अनुमति व बिना नक्सा के उक्त कृषि भूमि आराजी को प्लाटिंग करके बृजेन्द्र कुमार को दिनांक 03-12-2019 को,चन्द्र कमल गौतम को दिंनांक 11-12-2019 को,संन्दीप कुमार को दिनांक 11-12-2019 को,अस्मिता जेस्टिन को 10-01-2020 को,फरहत सबा को 30-01-2020 को जरिये प्लाट में बैनामा किया।
4- यह कि भूमाफिया नें आराजी संख्या 25 को दो हिस्सेदारो पृथक-पृथक दिनांक में कृषि दर पर खरीदकर सरकार के राजस्व को करोडो रूपये का नुकसान पहुचाया है।
5-यह कि भूमाफिया नें आराजी संख्या 25 का 1/2 भाग जब दिनांक 24-07-2019 को समद खा से कृषि में खरीदा और दिनांक 17-08-2019 से 04-11-2019 तक उस आराजी भूमि से सात प्लाट रजिस्ट्री किया।
6-यह कि भूमाफिया नें आराजी संख्या 25 का 1/2 भाग को सब रजिस्ट्रार मंझनपुर से मिलीभगत व साठगाठ से जमादुल खां पुत्र जमा खा निवासी समदा से दोबारा दिनांक 15-11-2019 को कृषि में करा लिया।
7-यह कि भूमाफिया एंव सब रजिस्ट्रार मंझनपुर के इस खेल से सरकार को करोडो रूपयें के राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। यही नही इनकी इस कार्य शैली से इनकम टैक्स विभाग को भी क्षति पहुची है।
8-यह कि उक्त भूमाफिया नें सब रजिस्ट्रार मंझनपुर से साठ-गांठ करके आराजी संख्या 25 के अगल-बगल कई बीधे भूमि को कृषि में बैनामा कराने के बाद प्लाटिंग कर लोगो को बेच चुका है,और आस-पास की तमाम जमीनों को कृषि में खरीदकर प्लाट में बेचकर करोडो का मुनाफा कमा कर सरकार के राजस्व की चोरी कर मालामाल होता जा रहा है।