कौशाम्बी में रात्रि प्रवास में लापरवाही पर 23 अफसरों पर डीएम ने किया कार्रवाई,मचा हड़कंप ,12 अधिकारियों ने बताई गलत लोकेशन
कौशाम्बी । जिले के प्रशासन में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें 23 अधिकारियों को रात्रि प्रवास के दौरान मुख्यालय से अनुपस्थित पाया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी द्वारा की गई है, जिन्होंने अधिकारियों के लाइव लोकेशन को ट्रेस करने का निर्देश दिया था। इस कार्रवाई के पीछे प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने की जरूरत को प्राथमिकता दी गई है। डीएम ने पाया कि 23 अधिकारियों में से 11 ने तो अपने मोबाइल लोकेशन की जानकारी ही साझा नहीं की, जबकि 12 अधिकारियों ने गलत लोकेशन बताई। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक कार्यों में बाधा डालती है, बल्कि यह जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों से भी समझौता करती है।
लाइव लोकेशन ट्रेस करने की प्रक्रिया के दौरान जब डीएम ने इन अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारणों की जांच की, तो यह स्पष्ट हुआ कि यह एक गंभीर लापरवाही है। अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है कि वे अपनी नियुक्ति स्थलों पर उपस्थित रहें, खासकर जब उन्हें रात्रि प्रवास की अनुमति दी गई हो। इससे न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, बल्कि यह अन्य अधिकारियों के लिए भी अनुशासनहीनता का उदाहरण पेश करता है। डीएम ने इस मामले में कठोर निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इन 23 अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा और उनके भत्तों पर भी रोक लगा दी जाएगी। इस तरह की सख्त कार्रवाई से प्रशासनिक स्तर पर एक स्पष्ट संदेश जाता है कि लापरवाही और अनुशासनहीनता के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं बरती जाएगी।
इस घटना के बाद से प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि कैसे एक लापरवाही से न केवल व्यक्तिगत करियर पर असर पड़ सकता है, बल्कि समग्र प्रशासनिक कार्यप्रणाली भी बाधित हो सकती है। कुछ अधिकारियों ने इस कार्रवाई को उचित बताया है, जबकि अन्य ने इसे कठोर कदम मानते हुए इस पर विचार करने की आवश्यकता जताई है। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि प्रशासन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है। अगर अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह रहेंगे, तो इसका सीधा प्रभाव उनके कामकाज पर पड़ेगा और आम जनता के सामने उनकी छवि खराब होगी।
इस संदर्भ में, यह जरूरी है कि सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए और उन्हें इस बात का एहसास दिलाया जाए कि वे जनता के सेवक हैं। जिलाधिकारी की इस सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि अन्य अधिकारी भी अनुशासन में रहकर अपने कार्यों को संपादित करेंगे। इस प्रकार, कौशाम्बी में की गई यह कार्रवाई केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए एक चेतावनी है कि लापरवाही का कोई स्थान नहीं है। यह घटना सभी अधिकारियों के लिए एक सीख है कि उन्हें अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लेना चाहिए और जनता की सेवा में अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।