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कुंभ मेले में लगी सम्राट हर्ष वर्धन की मूर्ती हटी, बौद्ध उपासकों में आक्रोश, भंते सुमित रत्न ने किया इसका विरोध

👉 सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति हटाने को लेकर हो रहा विरोध , बौद्ध धर्म से जुड़े मामलों को जा रहा है मिटाया ,आखिर किसे आदेश पर हटी मूर्ति ।

👉 जब डीएम प्रयागराज और मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के सीयूजी नंबर पर बात की गई तो बताया गया साहब मीटिंग में है 

👉 26 अक्तूबर को पटेल संस्थान में अयोजित हो रहा विश्व बौद्ध महासम्मेलन का कार्यक्रम ,कई देश के लोग हो रहे हैं इसमें शामिल

इलाहाबाद/प्रयागराज में कुंभ मेले के प्रतीक स्थल संगम पर स्थित सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति को प्रशासन द्वारा हटाए जाने से बौद्ध धर्म अनुयायियों में गहरा असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। इस घटना के विरोध में भंते सुमित रत्न ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सम्राट हर्षवर्धन कुंभ मेले की परंपरा के संस्थापक माने जाते हैं, और उनकी प्रतिमा को हटाने का कदम बौद्ध धर्म की विरासत और पहचान को मिटाने का एक सुनियोजित प्रयास प्रतीत होता है।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब 27 अक्टूबर को प्रयागराज के पटेल संस्थान में विश्व बौद्ध महासम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, तो ठीक उससे पहले मूर्ति को हटाने के पीछे प्रशासन की मंशा क्या है?

बताया तो यह भी जाताह कि कुंभ मेले की शुरुआत सम्राट हर्ष वर्धन ने शुरू किया था और उनकी एक बहन थी जो बौद्ध भिक्षुणी बन गई थी । इस कुंभ मेले में तत्कालीन समय व्हेनसांग भी मेले में आए थे । इस मामले पर जब डीएम प्रयागराज के सीयूजी नंबर पर बात की गई तो उनके कर्मी ने बताया कि डीएम साहब अभी मीटिंग में है और जब संगम मेला अधिकारी से सीयूजी नंबर पर बात की गई तो उधर से भी जवाब मिला कि साहब अभी मीटिंग में है । अब सवाल लिया उठना है कि आखिर बौद्ध सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति हटाने के पीछे क्या मानसिकता है और किसके आदेश से यह मूर्ति हटाया गया है यह एक बड़ा सवाल है

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415

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