सदर तहसील में बढ़ा भ्रष्टाचार, कैसे होगा गरीबों का बेड़ा पार,एसडीएम बने तानाशाह
👉 पैसे दो तभी मिलेगा एससी की फाइल में परमिशन ,वसूली के नाम पर बदनाम हो चुकी मंझनपुर तहसील, नाम न छापने के शर्त पर दबी जुबान में हो रही चर्चा …
👉 फरियादियों के साथ एसडीएम द्वारा किया जाता है दुर्व्यवहार,गरीबों की जमीनों पर कराया जाता है जबरन कब्जा …
कौशाम्बी। जिले तहसील में इन दिनों भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है, यहां पर किसी का कोई भी काम सीधे तौर पर नहीं हो रहा है । किसानो फरियादियों का काम नहीं हो रहा है और उनको एसडीएम आकाश सिंह द्वारा डांट कर, दुर्व्यवहार करके भागा दिया जाता है ।
पैसे दो तभी मिलेगा एससी की फाइल में होगा परमिशन ,वसूली के नाम पर बदनाम हो चुकी तहसील मंझनपुर से इन दिनों आम जनता का विश्वास उठ चुका है । यूं कहें तो योगी सरकार में परमिशन के नाम के लिए मात्र 20 दिन के लिए समय दिया गया है । इसके बावजूद योगी सरकार के नियमों की धज्जियां मंझनपुर तहसील प्रशासन उड़ा रहा है । बता दें कि लगभग दर्जनों अनुसूचित जाति की जमीन बेचने की परमिशन के नाम फाइलें चल रही है । मंझनपुर तहसील प्रशासन या अधीनस्थ को कहा जा रहा है , पैसे दो तभी परमीशन होगा । नाम न छापने की शर्त पर तामाम फरियादियों ने बताया कि उन्हें महीनो से तहसील दौड़ाया जा रहा है और लेकिन पत्रावली का निस्तारण न करके आजकल कह कर टाल दिया जाता है। इस मामले की जिलाधिकारी या कमिश्नर जांच कराएंगे तो पोल सामने खुल जाएगी ।
बता दें कि तहसील मंझनपुर में प्रखर उत्तम का कार्यकाल तो लोगों ने देखा था लेकिन नए एसडीएम आकाश सिंह जब से आए हैं मलाई काट रहे है । इन पर जिला प्रशासन का या तो हाथ है , या फिर इनकी मनमानी तानाशाही । यही वजह है कि गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है । बताना यह जरूरी है कि तहसील कार्यालय में एसडीएम कार्यालय में अनुसूचित जाति की दर्जनों फाइल परमीशन के नाम पर पड़ी है । एसडीएम का कहना है मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं ,मेरा भाई योगी सरकार के कार्यालय में नौकरी करता है, मेरा कोई टेढ़ा नहीं कर सकता है । बगैर पैसे के कोई काम नहीं होगा चलो यहां तक तो ठीक है ,अब एसडीएम का स्टोनो भी एसडीएम की भाषा बोल रहा है । ऐसे में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति कैसे लागू होगी ,यह एक बड़ा सवाल है । यदि समय रहते उनके गाड़ी चालकों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आम जनता को न्याय नहीं मिल सकेगा । यह भी जरूरी है कि जिला प्रशासन स्तर से हर एसडीएम को गाड़ी पकड़ने का आदेश है । जहां से पैसा मिलता है उन गाड़ियों को हरी झंडी दे दी जाती है और जहां से पैसा नहीं मिलता है उन गाड़ियों को पड़कर सीज कर दिया जाता है । यदि दोहरा मापदंड की जांच हुई तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का नपना तय है ।
इसी प्रकार सदर तहसील के दीवर कोतारी गांव के संदीप गुप्ता ने बताया कि उसकी भूमिधरी जमीन आराजी नंबर 809 पर जबरन एसडीएम सदर के द्वारा कब्जा कर दिया गया है । पीड़ित जब एसडीएम से शिकायत करने गया तो उसे डांट कर भगा दिया गया है,एसडीएम ने कहा भाग जाओ नही जेल भेज दूंगा ।
पीड़ित विधवा महिला कमला देवी
इसी प्रकार लगभग 2 माह पहले 23 सितम्बर 2023 को विधवा महिला विमला देवी की भूमिधरी पुश्तैनी जमीन पर ग्राम भैला मखदूमपुर आराजी नंबर 418 ,419 पर एसडीएम ने जबरन राम सुरेश को कब्जा कर दिया है और पीड़िता के लड़के को लेखपाल के माध्यम से थाने बुलाया गया और वही से 151 में चलन करवा कर एसडीएम ने उसे जेल भेज दिया है । जबकि कई न्यायालय में पीड़िता का मुकदमा विचाराधीन है । राम सुरेश की रजिस्ट्री भी इनवैलिड है और उसका नायब तहसीलदार के यहां से नामांतरण आदेश भी रद्द हो चुका है फिर भी एसडीएम ने जबरन कब्जा कराया है ।