शिक्षा निदेशक लखनऊ ने लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कारवाई का दिया आदेश, मचा हड़कप ,पीड़िता ने डीएम से भी किया था शिकायत, आरोपियो को बीएसए बचाने में जुटे
31 अक्टूबर को भेजे पत्र में शिक्षा निदेशक ने लापरवाह अध्यापकों पर तत्काल कार्यवाही कर मांगी आख्या ।
कौशांबी। जिले के अधिकारी किस तरह बेलगाम होते जा रहे हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की विकास खंड चायल के चचौली के विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के साथ वहां के अध्यापकों ने जातिसूचक शब्दों के साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था । इतना ही नहीं मनबढ़ अध्यापकों ने जान से मारने की धमकी भी दी थी जिसकी शिकायत प्रधानाध्यापिका ने जनपद के अधिकारियों से लेकर शिक्षा निदेशालय तक की थी। शिक्षा निदेशालय के बार बार आदेश का अनुपालन करने के बजाय जनपद के अधिकारियों की शिथिलता ने सिद्ध कर दिया की राज किसी का भी हो लेकिन कानून उनकी मर्जी का चलेगा।
नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं का नैतिक पतन इस कदर हो गया है कि अब उसकी चर्चा गली कूचे में होने लगी है शिक्षिकाएं खुद नैतिकता का पालन नहीं कर रही है तो कैसे स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को वह नैतिकता का पालन करना सिखाएंगी इतना ही नहीं शिक्षिकाओं के साथ-साथ अब खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी भी नैतिकता का पालन करना भूल गए हैं परिषदीय विद्यालयों में नियमों के विपरीत कार्य करने वाली शिक्षिकाओं के बचाव में आखिर खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी क्यों जोर आजमाइश करने में लगे हैं जबकि दोषी शिक्षिकाओं पर कार्यवाही करने का निर्देश 18 अक्टूबर को शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ ने पत्र संख्या 727 के जरिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशांबी को भेज कर दिया है शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ ने भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया है कि एक सप्ताह के अंदर दोषी शिक्षिकाओं का वेतन अवरुद्ध करते हुए आख्या से अवगत कराए लेकिन शिक्षा निदेशक के आदेश का अनुपालन न होने पर शिक्षा निदेशालय ने दोबारा 31 अक्टूबर को लेटर जारी कर बीएसए से कारवाई कर आख्या मांगी है।
शिक्षा निदेशक बेसिक के आदेश पर अभी तक ना तो कार्यवाही हुई है और ना ही दोषी शिक्षिकाओं का वेतन अवरुद्ध किया गया है शिक्षा निदेशक बेसिक के आदेश के बाद केवल उनके आदेश को खंड शिक्षा अधिकारी के पास फॉरवर्ड करके बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी नैतिक जिम्मेदारी को भूल गए हैं आखिर शिक्षा विभाग में नैतिकता का पाठ पढ़ने वाली शिक्षिकाओं को नैतिकता का पाठ अब बेसिक शिक्षा अधिकारी नहीं पढ़ाएंगे तो फिर इन शिक्षिकाओं को नैतिकता का पाठ कौन पढ़ाएगा
गौरतलब है कि गांधी जयंती और उसके एक दिन पूर्व 1 अक्टूबर को विद्यालय को खुला रखने और स्वच्छता अभियान के तहत साफ सफाई करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद नेवादा विकासखंड के चलौली विद्यालय में शिक्षिकाएं स्मिता वर्मा और श्वेता श्रीवास्तव नहीं पहुँची जिस पर मामले की शिकायत प्रधानाध्यापिका वंदना सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी जिला अधिकारी से लेकर के मामले की शिकायत शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ से 4 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को किया प्रधानाध्यापिका के शिकायत को शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ में गंभीरता से लिया और 18 अक्टूबर को पत्र संख्या 727 के जरिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए लिखा कि दोषी शिक्षिकाओं का वेतन अवरुद्ध करते हुए एक सप्ताह के अंदर शिक्षा निदेशक को आख्या उपलब्ध कराए लेकिन शिक्षा निदेशक का यह पत्र बेसिक शिक्षा विभाग में हवा हवाई साबित हुआ जिसके बाद दोबारा शिक्षा निदेशालय ने 31 अक्टूबर को बीएसए को लेटर जारी कर कारवाई करने का निर्देश कर आख्या मांगी है।
विभागीय अधिकारियों का बल पाने के बाद दोषी शिक्षिकाओं ने प्रधानाध्यापिका के साथ गाली-गलौज किया उन्हें जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया गांधी जयंती पर अनुपस्थित रहने की शिकायत के बाद भी प्रधानाध्यापिका के साथ शिक्षिकाओं ने गाली गलौज और अभद्रता की थी जिससे प्रधानाध्यापिका भयभीत है मामले की शिकायत प्रधानाध्यापिका वंदना सिंह ने 12 अक्टूबर को अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज को पत्र भेजकर की है हालांकि यह मामला अभी भी पुलिस की फाइल में जांच के नाम पर लंबित है अभी तक इस मामले में भी दोषी शिक्षिकाओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दोषी शिक्षिकाओं पर कार्यवाही नहीं की गई है।