Mon. Dec 23rd, 2024

पुलिस ने अतीक गैंग के 66 मेंबर वाली तैयार की सूची, इसमें वाचस्पति का भी था 50वें नंबर पर नाम, विधायक वाचस्पति ने कहा मेरा कोई नहीं है अतीक से संबंध, अब 121 मेंबरों के लिस्ट हुई जारी

प्रयागराज । माफिया अतीक अहमद के साथ प्रयागराज में कई नेताओं का नाम सामने आया है। इन्हीं में से एक नाम विधायक वाचस्पति का है। अतीक गैंग के 66 मेंबर वाली सूची में वाचस्पति का नाम 50वें नंबर पर था। यह नाम उमेश पाल हत्याकांड से महज 15 दिन पहले अतीक गैंग लिस्ट से हटाया गया है।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरी का कहना है कि लिस्ट अपडेशन होती रहती है। कुछ लोग जब गैंग से अलग होकर काम करने लगते हैं तो उनका नाम लिस्ट से बाहर तो हो जाता है, लेकिन पुलिस की लिस्ट में वह अपराधी ही होते हैं। आबिद और वाचस्पति का नाम कैसे बाहर हुआ, इसकी जांच कराएंगे।

माफिया के साथ अवैध जमीनों के कारोबार में रहा है नाम , वाचस्पति अतीक अहमद गैंग के सबसे सक्रिय सदस्य रहे। दर्जनों मुकदमे प्रयागराज और कौशांबी जिले के थानों में दर्ज हैं। वाचस्पति पर अतीक अहमद गैंग को आर्थिक रूप से मजबूत करना और सरकारी जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग करने का आरोप लगता रहा है।

2017 में थाना धूमनगंज पुलिस ने विशनापुर कॉलोनी में 8 बीघा सरकारी बंजर जमीन कब्जाने के आरोप में विधायक वाचस्पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसी के बाद 2020 में जब अतीक गैंग की 66 सदस्यीय सूची बनी तो उसमें वाचस्पति का नाम 50वें नंबर पर दर्ज था।

विधायक बोले- मेरे खानदान का दूर-दूर तक अपराध से नाता नहीं : विधायक वाचस्पति का कहना है कि 2017 में मेरे नाम से जमीन के एक मामले में एसडीएम ने एफआईआर करा दी थी। इस मामले में जांच हुई और मैं बरी हुआ। मेरे नाम एफआर लगी। इसके पीछे राजनीतिक साजिश हुई थी। अतीक अहमद से मेरा कोई संबंध नहीं रहा है। मेरे खानदान का दूर-दूर तक अपराध की दुनिया से कहीं कोई संलिप्तता नहीं थी। 2004 में मैं सांसदी जीत गया था। नाम (अतीक अहमद का) नहीं लेना चाहता, पर यही सब मिलकर 630 वोट से हरवा दिए थे। वो दर्द मैं कभी नहीं भूल सकता। अब मैं यह नहीं कह सकता कि मैं अतीक अहमद को नहीं जानता। मैं यहीं पैदा हुआ और पला बढ़ा। मेरे खिलाफ वो मामला खत्म हो चुका है।

अब 121 सदस्यों की लिस्ट जारी हुई, उसमें भी नाम नहीं , 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या हुई। हत्याकांड के 15 दिन पहले 9 फरवरी 2023 को DCRB द्वारा अतीक अहमद के कुल 121 सदस्यों की गैंग लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट से वाचस्पति का नाम गायब था। इसके पहले पुरानी 66 सदस्यीय गैंग की लिस्ट में वाचस्पति का नाम 50वें नंबर पर था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद कई सफेदपोश लोगों के अतीक अहमद के संबंध की बात सामने आई थी।

2017 में 8 बीघा बंजर जमीन कब्जाने में दर्ज हुआ था केस : 2017 में धूमनगंज पुलिस ने विशनापुर कॉलोनी में 8 बीघा सरकारी बंजर जमीन कब्जाने के आरोप में विधायक वाचस्पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मुकदमे के बाद वाचस्पति का नाम जमीन के अवैध धंधे में माफिया अतीक अहमद के साथ जुड़ा था। हालांकि वाचस्पति का नाम अतीक के साथ अन्य किसी अपराध में नहीं जुड़ा, लेकिन जमीन के अवैध काम में उनका नाम आया सामने आया था।

2019 के उपचुनाव में भी दर्ज हुआ था केस : 22 जुलाई 2019 को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और उपचुनाव में अध्यक्ष पद की दावेदार मधुपति के पति पूर्व विधायक वाचस्पति पर जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त और अपहरण करने का आरोप लगाया गया था। वार्ड नं-22 की जिला पंचायत सदस्य के बेटे और तत्कालीन DM रहे मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर पूरामुफ्ती पुलिस ने पूर्व विधायक वाचस्पति और 10 अज्ञात समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

कौशांबी की सिराथू सीट से दो बार विधायक रहे समाजवादी पार्टी नेता वाचस्पति ने 31 जनवरी 2022 को पार्टी छोड़कर अपना दल का दामन थाम लिया था। फिर प्रयागराज जिले के बारा विधानसभा से अपना दल एस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

अतीक के राइट हैंड शूटर आबिद प्रधान का भी नाम गायब है । उमेश पाल शूटआउट के बाद एक तरफ पुलिस अतीक अहमद के गैंग IS-227 मेंबर्स और शूटर्स को नहीं पकड़ पा रही है, वहीं दूसरी ओर उमेश पाल हत्याकांड के महज 15 दिन पहले अतीक का दाहिना हाथ कहे जाने वाले आबिद प्रधान का नाम लिस्ट से गायब है।

आबिद प्रधान का नाम 2020 में पुलिस की तरफ से जारी की गई अतीक गैंग मेंबर्स की सूची में टॉप पर था। इसी 66 मेंबर्स की लिस्ट में विधायक वाचस्पति का नाम 50वें नंबर पर था। आबिद और वाचस्पति के नाम गायब होने से कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

इधर, उमेश पाल शूटआउट में माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, बेटे असद का भी नाम सामने आया। अब पुलिस अतीक गैंग में इन दोनों के नाम भी शामिल करने की तैयारी में है। प्रयागराज पुलिस ने इस सूची को दोबारा अपडेट करने का फैसला किया है। 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की दिनदहाड़े गोलियों और बम से हत्या कर दी जाती है जिसमें अतीक अहमद उसका भाई अशरफ पत्नी शाइस्ता बेगम, बेटा असद सहित दर्जनों लोगों का नाम f.i.r. मै सामिल है । पुलिस ने दिनांक 26 मार्च को अतीक को साबरमती जेल से लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से 27 मार्च को शाम तक प्रयागराज पहुंचेगी , जिसको 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण के मामले में कोर्ट की पेशी में अदालत में पेश करेगी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मुख्य ख़बरें