स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ के साथ गई टीम ने कई हाॅस्पिटलों को किया सीज, बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे थे हॉस्पिटल, संख्या बताने मे कतराते रहे एसीएमओ,सीएमओ का नहीं उठा फोन
👉 नवज्योति हॉस्पिटल मंझनपुर एवं गीता मेमोरियल हॉस्पिटल जिला अस्पताल के पास एवं एक अन्य हॉस्पिटल किए गए सींज, संविदा कर्मी के हाथ में चल रहा है पूरा सीएमओ ऑफिस कार्यालय ।
👉 संविदा कर्मी के इशारे पर नाचता है पूरा डिपार्टमेंट ,अवैध वसूली एवं सबको मैनेज करने का लेता है संविदा कर्मी ठेका, जांच का विषय…
कौशांबी में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी खासकर सीएमओ ऑफिस का अजब कारनामा है । यहां पर एक संविदा कर्मी के हाथ में सीएमओ ऑफिस की पूरी लगाम है और कई वर्षों में अवैध काली कमाई करके करोड़ों रुपए कमाए हैं । यहां तक कि यह संविदा कर्मी अधिकारियों को गुमराह कर लोगों को मैनेज करने का ठेका लेता है और जिले में कई दर्जन चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन के पाली क्लीनिक, हॉस्पिटल आदि से मनमाना उगाही करवाता है । जिसकी खबर मीडिया में कई बार उठाई गई है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है । यदि जांच कराई जाय तो संविदा कर्मी की आय से अधिक और करोड़ो की बेनामी संपत्ति निकलेगी ,आखिर इस पर किसका संरक्षण है यह एक बड़ा सवाल है।
सूत्रों की मानें तो कई दर्जन हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन मुख्यालय में धड़ल्ले से चल रहे हैं लेकिन कुछ हॉस्पिटलों को ही टारगेट करके सीज की कार्रवाई की जाती है । इस मामले में जब एसीएमओ रामानुज कनौजिया से बात की गई तो वह सीज हॉस्पिटलों के नाम और संख्या स्पष्ट तौर पर नहीं बताए । उन्होंने कहा कि सीएमओ से ही इस संबंध मे जानकारी ले जबकि कई बार सीएमओ के सीयूजी नम्बर पर फोन लगाने के बाद भी फोन नहीं उठा है। चर्चा तो यहां तक है कि जिन हॉस्पिटलों से मोटी रकम माहवारी बंधी हुई है उनको नहीं टच किया जाता है और जिन से अवैध वसूली नहीं हो पाती है उनको रजिस्ट्रेशन के नाम पर सीज किया जाता है । इस मामले में जब जानकारी करने के लिए जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो उनका नंबर भी स्विच ऑफ मिला । अब ऐसे में कैसे बात किया जाए, कौन जिम्मेदार है कौन है जवाबदेह यह एक बड़ा सवाल है ।
चर्चाओं पर जाएं तो सीएमओ का स्टोनो हमेशा गायब रहता है ,जबकि 1 साल से ज्यादा नियुक्त हुए हो गए हैं लेकिन किसी को इसका अता पता नहीं रहता है ।
बता दें कि एक संविदा कर्मी के हाथ में है पूरी सीएमओ ऑफिस का कार्यभार, जिसको चाहे ट्रांसफर पोस्टिंग करा दे ,जिसको चाहे उस हॉस्पिटल पर कार्रवाई करवा दे, क्योंकि यह संविदा कर्मी के द्वारा सीएमओ को विश्वास में लेकर धुआंधार अवैध वसूली कराता है । यह मामला कई बार मीडिया में उछलने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।
सूत्रों की माने तो आर0आई असिस्टेंट टीकाकरण जो ऑपरेटर का काम करता है वह सीएमओ ऑफिस का अधिकतर कार्य खुद ही चार्ज लेकर संचालित कराता है । बताया तो यह भी जाता है कि स्टोनों को चार्ज नहीं दिया गया है इसी वजह से स्टॉनो गायब ही रहते हैं जबकि आधा दर्जन से ज्यादा काम कागजों में तो चार्ज मिला है लेकिन हकीकत में सिर्फ आरटीआई का ही वर्क करने को दिया गया है । चर्चा तो इस बात की भी है कि बिना स्टोनो के हॉस्पिटल सीज नहीं हो सकता है, बिना जानकारी हुए ही मनमानी तरह से सीएमओ ऑफिस में अधिकारी एक संविदा कर्मी के इशारे पर नाचते हैं । यह वर्षों से सिलसिला चल रहा है ,आखिर इस तरह के कारनामों पर कब लगाम लगेगी यह जांच का विषय है ।
अमरनाथ झा पत्रकार