राम जन्मभमि आंदोलन विषय पर हिंदुस्तान अकैडमी में संपन्न हुई गोष्टी, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ0 हरेंद्र प्रताप सिंह एवं पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र सिंह गौड़
पूर्व सलाहकार सदस्य भारतीय खाद निगम अतुल द्विवेदी द्वारा किए गया अतिथियों का स्वागत ।
प्रयागराज । आज दिनांक 12 सितम्बर को लोक पहल के द्वारा आयोजित महन्त अवेद्यनाथ स्मृति समारोह के अंतर्गत महंत अवेद्यनाथ जी एवं राम जन्मभूमि आन्दोलन विषय पर हिंदुस्तानी एकेडेमी में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन के पश्चात मां सरस्वती एवं ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक पूर्व सलाहकार सदस्य भारतीय खाद्य निगम अतुल द्विवेदी द्वारा आए हुए अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्मलीन महन्त अवैद्यनाथ जी उच्च कोटि के संत, समाज सेवक एवं राजनेता थे। वह हिंदुत्व के पक्षधर थे उनका कहना था कि हिंदुत्व एक धर्म नहीं अपितु संस्कृति है ।
उन्होंने अपने गुरु दिग्विजय नाथ की श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के संकल्प को उसकी पराकाष्ठा तक पहुँचाया तथा आज उनके शिष्य उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के देखरेख में मंदिर निर्माण का संकल्प पूर्ण हो रहा है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ. हरेश प्रताप सिंह ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ ने गोरखपुर के रामलीला के मैदान में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाकर सामाजिक समरसता का परिचय दिया था। इसके साथ ही साथ राम मंदिर की शिला सर्वप्रथम एक अछूत से रखवा कर सबको एक साथ लेकर चलने की भावना का संदेश दिया था। आज हमें उनकी पुण्यतिथि पर सामाजिक समरसता का संकल्प लेना चाहिए।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ0 नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि पूज्य महंत जी समरसता के प्रतीक थे उन्होंने दो हमराज के घर में भोजन करके समरसता का सबसे उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन बिना महंत अवैद्यनाथ के पूर्ण होना संभव नहीं था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से आए डॉ संतोष कुमार सिंह ने लोकपहल के बारे में एवं उसके कार्यों से लोगों को परिचित कराया। आभार ज्ञापन डॉ मान सिंह ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ अखिलेश त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी की कृति गोरक्षा सहस्त्रनाम तथा बलिया के शिव कुमार सिंह की कृति का लोकार्पण भी किया गया। अवसर पर मानवेंद्र प्रताप सिंह, विनोद पांडेय, अजय मिश्र, यश श्रीवास्तव , ज्योतिर्मयी श्रीवास्तव, गोपाल पांडे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।