दलित महिला अधिकारी ने दर्ज कराया बीएचएम जिलाध्यक्ष राधा मोहन मिश्रा पर मुकदमा, चेंबर में घुसकर अधिकारी के साथ किया बदतमीजी ,कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, डीएम-सीएम और राज्य महिला आयोग से हुई शिकायत
👉 सीवीओ डॉक्टर सीमा ने दर्ज करवाया बीएचपी जिला अध्यक्ष बबलू मिश्रा पर मुकदमा ।
👉 ऑफिस में घुसकर दलित महिला अधिकारी से बबलू मिश्रा ने किया बदतमीजी । डीएम ,महिला आयोग एवं मुख्यमंत्री से हुई शिकायत ।
👉 विकास भवन में महिला अधिकारी के चेंबर में चिल्लाता रहा बबलू मिश्रा, तमाम अधिकारी व कर्मचारी देखते रहे तमाशा । करारी थाना क्षेत्र के म्योहर गांव का है निवासी , कुछ दिन पहले गांजा बेचने के मामले में करारी थाने में हुआ था बंद ।
कौशांबी जिले के पशुपालन विभाग के मुख्य पशु अधिकारी डॉ0 सीमा ने बीएचपी के जिला अध्यक्ष राधा मोहन उर्फ बबलू मिश्रा के खिलाफ कोतवाली मंझनपुर में पांच गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराया है । दलित महिला अधिकारी ने इस मामले की मुख्यमंत्री सहित जिला अधिकारी एवं राज्य महिला आयोग से भी शिकायत की है ।
उन्होंने बताया कि वीएचपी के जिला अध्यक्ष राधा मोहन मिश्रा उनको बेवजह फोन करते थे और उनके ऑफिस में घुसकर सरकारी काम में बाधा डालते हुए उनके चेंबर में जबरन घुसकर बदतमीजी की है । दलित महिला अधिकारी ने बीएचपी के पदाधिकारी बबलू मिश्रा पर कार्रवाई कराने की मांग की है और यह भी कहा है कि इस मामले में कई लोगों के साजिश भी है ।
उन्होंने सीडीओ शशिकांत त्रिपाठी पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ दिन पहले सीडीओ ने निरीक्षण के नाम पर उनको तू – तडाक से बात करते हुए अमर्यादित भाषा में डाटा है ।
डॉ0 सीमा ने पशुपालन विभाग में 1 अप्रैल 2022 से चार्ज लेने के बाद भौतिक सत्यापन मे पाया कि 1400 फर्जी पशु गौशालाओं में दर्ज थे । इसी प्रकार 815 पशु सुपुर्दगी में गोवंश का फर्जी डाटा शासन को 3 साल से भेजा जा रहा था, जबकि वास्तविकता में 218 पशु 122 लोगों को सुपुर्द किया गया था ।
उन्होंने कहा कि 3 साल पहले से चल रहा फर्जी डाटा पर आखिर सीडीओ ने क्यों नहीं भौतिक सत्यापन कराया जबकि पूर्व सीवीओ बी0पी पाठक थे और उनके द्वारा शासन को फर्जी डाटा भेजकर गुमराह करने के पीछे वजह क्या थी, इसकी भी जांच कराने की आवश्यकता है । फिलहाल अपने साथ हुई इस घटना मे अधिकारी की भी साजिश होना बताया है ,कहीँ न कहीं जातीय मानसिक की भावना से इस तरह का ब्यवहार किया जा रहा है चूंकि सीवीओ बनने के बाद से उनका इमानदारी से कार्य करना मुश्किल हो रहा है और सीडीओ के दुर्व्यवहार से वह परेशान हैं ।