आखिर कब रुकेगा जिले में अवैध खनन , प्रयागराज के भिलोर घाट खंड 8/5 का मिला है पट्टा और कौशांबी में होता है अवैध खनन ,आखिर कैसे.. 1 सप्ताह पहले हुई थी एसडीएम,सीओ और खनन अधिकारी द्वारा कार्रवाई
👉 1 सप्ताह पहले हुई थी कारवाही, रवि शंकर शुक्ला पुत्र परमानंद शुक्ला के नाम से चल रहा है बिल्हौर घाट लेकिन खनन हो रहा है कहीं और आखिर कैसे ….
👉 टीम ने किया था कार्रवाई ,5000 घन मीटर अवैध पकड़ा गया था खनन, डीएम के यहां दी गई है रिपोर्ट, नहीं लिखी गई है एफआईआर ।
👉 लगभग 47 – 48 लाख का लगाया गया जुर्माना लेकिन फिर भी बालू माफिया ने अवैध खनन करने की है ठाना ,कहीं मौन स्वीकृति तो नहीं मिली …बड़ा सवाल
👉 खंड 9/ 3 व 9/4 मे जमुना के जलमग्न एरिया को पाटकर, पनचक्की लगाकर किया जा रहा है अवैध खनन, एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां ।
कौशाम्बी जिले में अवैध खनन को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है प्रयागराज के बिल्हार घाट में पट्टा लेकर कौशांबी में खनन अवैध खनन जारी है और इतना ही नहीं लगभग 50 घन मीटर से ज्यादा अवैध खनन करके बालू माफिया मालामाल हो रहा है वही कौशांबी में जमुना का सीना चीर कर के जिला प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर खुलेआम खनन जारी है इस मामले की सूचना पर एसडीएम चाइल और सीओ ने खनन अधिकारी के साथ छापा मारकर कार्यवाही कि है लेकिन बालू माफिया पर रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई गई है ,यह मामला सुर्खियों में है । आखिर क्यों नहीं हुई बालू माफिया पर रिपोर्ट दर्ज , यह एक बड़ा सवाल है ।
बता दें कि प्रयागराज जिले के बारा तहसील क्षेत्र के भिलोर घाट में 8/5 का जो पट्टा हुआ है वहां पर खनन ना होकर दूसरी जगह अवैध खनन हो रहा है ,चुकी रवि शंकर शुक्ला के उस खंड में जलमग्न है और वहां पर बालू नहीं है । जहां से इनको परिवहन करने का रास्ता बनाने का परमिशन मिला है वहां पर यह बालू माफिया रास्ता ना बनाकर, दूसरी जगह से रास्ता बना कर ,वहीं पर अवैध खनन कर परिवहन कर रहे हैं और इनका कांटा भी बहुत दूर लगा हुआ है जो जांच का विषय है ।
सूत्रों की माने तो लगभग 200 गाड़ी रोज निकलती है और 500 से अधिक वोट अवैध तरीके से चल रही है । 40 – 50 हजार घन मीटर अवैध खनन कर किए हैं । इस मामले में शिकायत पर एसडीएम चायल और सीओ ने खनन अधिकारी के साथ छापा मारकर कार्रवाई की है ,जिसकी रिपोर्ट डीएम को भी दी गई है । इसके बावजूद भी पुनः उसी जगह खनन और परिवहन चालू है ,यह जांच का विषय है, कहीं ऐसा तो नहीं मौन स्वीकृति दे दी गई है… यह एक बड़ा सवाल है ।
अमरनाथ झा पत्रकार – हिंदी खबर