रेलवे मे कामचोरों और सेटिंग वालों को मिलता है रेलवे में एवार्ड, डीआरएम और जीएम को गुमराह करके दिलाया जाता है ऐसे लोगों को एवार्ड, अवार्ड देने के लिए नाम चयन का नहीं है कोई पैमाना
👉 मेहनत और ईमानदार कर्मचारियों को नहीं दिए जाते हैं पुरस्कार और गिराया जाता है उनका मनोबल
प्रयागराज । रेलवे एनसीआर में अधिकारी कामचोर लोगों को एवं पैसा उगाही करके देने वालों को अवार्ड दिलाते हैं । ईमानदार कर्मियों के बीच में इसका गलत संदेश जाता है ।रेलवे एनसीआर में जो कर्मचारी ईमानदारी और मेहनत से कार्य करते हैं उनको दरकिनार करके कामचोर एवं अधिकारियों की चापलूसी करने वालों को अवार्ड दिलाए जाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही हैं । अभी हाल ही में 15 अगस्त को कई कामचोर एवं चापलूस टाइप के लोगों को उनके अधिकारियों ने डीआरएम और जीएम को गुमराह करके अवार्ड दिलाने का काम किया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है । जब ऐसे लोगों को अवार्ड मिलता है तो ईमानदार और मेहनतकश कर्मचारी के सम्मान को ठेस पहुंचती है ।
अभी हाल ही मे एक ओएस एवं डॉक्टर जो भ्रष्टाचार के मामले में चर्चित थे ,ऐसे कर्मचारियों को एवं अधिकारियों को अवार्ड में नामित किया गया है और उन्हें पुरस्कार दिया गया है जन चर्चा का विषय बना है ।यदि इनकी जांच कराई जाए तो इनका चरित्र एवं उनके काले कारनामों की पोल खुलना तय है । ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जब रेलवे द्वारा पुरस्कृत करते हैं तो रेल समाज में एक गलत संदेश जाता है, जिससे अच्छे कर्मचारियों को मनोबल टूटता है । आरोपों में चर्चित रहे लोगों को ना तो अभी तक हटाया गया है बल्कि उसे और पुरस्कृत करने का कार्य किया गया है ।
बता दें कि यदि आप अधिकारियों की चापलूसी या उनके इशारे पर कार्य नहीं करते हैं ,तो आप चाहे कितने भी ईमानदार और मेहनत कस कर्मचारी हो- आपको कभी भी पूरी सेवा मे पुरस्कार कभी नहीं मिलता है । यह रेलवे के इतिहास में शायद ही ऐसा कभी हुआ हो कि ईमानदार और मेहनतकश लोगों को पुरस्कृत किया गया हो …
इसी प्रकार केंद्रीय चिकित्सालय में एक डॉक्टर है जिसका इस वक्त रिश्वत के मामला मे कर्मचारियों के जुबान पर नाम तैर रहा है और रेलवे बोर्ड तक इसकी शिकायत की गई है, उसको भी पुरस्कृत किया गया है । इसके पूर्व में भी एमडी विनीत अग्रवाल ने एक ओएस को पुरस्कार दिलाया है जो उम्मीदवारों के चिकित्सा परीक्षण में पैसा लेने और अवैध धन उगाही के मामले मे चर्चित था । उसको भी पुरस्कृत करने का कार्य किया गया है । इस प्रकार का कार्य रेलवे कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है । कई वर्षों से यह सब कारनामा चला आ रहा है जो अधिकारियों की चापलूसी और इनको रिश्वत की मोटी रकम कमाई करके देते हैं उन्हीं का नाम एवार्ड के लिए भेजने का कार्य करते हैं । कुछ ऐसे अधिकारी है जो उच्च आधिकारियों को गुमराह करके एवार्ड दिलाने का कार्य करते हैं । आखिर जिन्हें अवार्ड दिया गया है इनके अंदर ऐसी कौन सी योग्यता है या ऐसे कौन सा उत्कृष्ट कार्य किए हैं, जिन्हें अवार्ड दिया है । यह रेल कर्मचारियों के बीच मामला चर्चा का विषय बना हुआ है ।