महोबा खनन अधिकारी के खिलाफ शुरू हुई जांच ,आय से अधिक संपत्ति का मामला ,13 साल पहले नहीं थी इनके पास इतनी प्रॉपर्टी ,आखिर कहां से कमाई नौकरी में रहकर अरबों की प्रॉपर्टी, जांच का है विषय
👉 पहले भी कई विवादों में आ चुका है नाम, बांदा में विधायक से भी हुआ था विवाद ।
👉 प्रयागराज के बारा तहसील के निवासी है खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह।
प्रयागराज जिले की तहसील बारा के गांव ओसा निवासी रामसेवक सिंह ने लखनऊ में लोकायुक्त से करीब एक माह पहले शैलेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की थी। लोकायुक्त ने डीएम महोबा सत्येंद्र कुमार को मामले की जांच कराने के आदेश जारी किए थे।
महोबा जिले के खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर लोकायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएम के निर्देश पर एडीएम नमामि गंगे महोबा इसकी जांच कर रहे हैं।
प्रयागराज जिले की तहसील बारा के गांव ओसा निवासी रामसेवक सिंह ने लखनऊ में लोकायुक्त से करीब एक माह पहले शैलेंद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की थी। लोकायुक्त ने डीएम महोबा सत्येंद्र कुमार को मामले की जांच कराने के आदेश जारी किए थे। डीएम ने मामले की जांच एडीएम नमामि गंगे जुबैर बेग को सौंपी है। एडीएम ने बताया कि शिकायत के मुताबिक शैलेंद्र सिंह ने अपने स्वजन के नाम पर कई शहरों में अलग-अलग संपत्तियां बना रखी हैं। लखनऊ के गोमती नगर में फ्लैट, आशियाना में प्लाट हैं। मध्य प्रदेश के रीवां, सतना, कटनी, भोपाल में भी संपत्ति बना रखी है। चित्रकूट में क्रशर भी संचालित है। मामले की जांच तेजी के साथ की जा रही है।
गौरतलब है कि महोबा में कबरई क्रशर कारोबारी मौत प्रकरण में जांच के दौरान एसआइटी टीम के समक्ष कई कारोबारियों ने भी खनन विभाग द्वारा उत्पीडऩ करने तथा कुछ चहेतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं: खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह का विवादों से नाता नया नहीं है। इसके पहले बांदा जिले में तैनाती के दौरान भी तिंदवारी विधायक से विवाद सुर्खियों में रहा था, जिसमें शैलेंद्र सिंह ने विधायक के खिलाफ अपने साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। वहीं, विधायक ने मौरंग खदानों में खनिज अधिकारी द्वारा अवैध खनन कराए जाने के आरोप लगाए थे। इस प्रकरण में शैलेंद्र सिंह को बांदा से हटाकर लखनऊ खनिज निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया था। वहां से करीब एक साल बाद महोबा स्थानांतरित कर दिया गया था।
इस मामले में जिलाधिकारी महोबा सत्येंद्र कुमार का कहना है की लोकायुक्त का पत्र मिला था। खनन अधिकारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत हुई थी। मामले की जांच एडीएम को सौंपी गई है।