प्रयागराज नगर निगम में हुआ गृह कर घोटाला ,कर्मचारियों ने फर्जी रसीदें जारी कर किया हेराफेरी ,आउटसोर्सिंग स्टाफ की आईडी से काटी गई रसीदें

👉 14 संदिग्ध रसीदों से हुआ घोटाले का खुलासा , नगर निगम के अधिकारी ने दिए स्पेशल ऑडिट के आदेश..
👉 8 लाख रुपये की रकम गायब, नोटिस जारी ,पिछले एक वर्ष की कैंसिल रसीदों की जांच शुरू..
प्रयागराज । प्रयागराज नगर निगम में गृह कर वसूली को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिससे निगम की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ कर्मचारियों ने गृह कर वसूलने के बाद संबंधित धनराशि नगर निगम के खाते में जमा नहीं की, लेकिन उसकी रसीदें बकायादारों को जारी कर दी गईं। यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब 29 मार्च को 14 संदिग्ध रसीदें काटी गईं और अगले ही दिन 30 मार्च को इसकी शिकायत निगम के आईटी अधिकारी केशव को दी गई। शिकायत में बताया गया कि ये रसीदें नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मचारी सत्यम की आईडी और पासवर्ड से काटी गई थीं, जबकि कर्मचारी का दावा है कि उसने ऐसी कोई रसीद नहीं काटी। शिकायत के बाद सभी रसीदों को तत्काल रद्द कर दिया गया।
👉 स्पेशल ऑडिट और नोटिस जारी, 8 लाख रुपये का अंतर
प्रकरण के गंभीर होते ही नगर निगम के अधिकारी ने पूरे मामले की स्पेशल ऑडिट के आदेश दिए हैं। साथ ही संबंधित कर्मचारियों और आईटी अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। प्रारंभिक जांच में नगर निगम के खाते में करीब 8 लाख रुपये का अंतर पाया गया है। यह सिर्फ एक ज़ोन का मामला है, जबकि अन्य जोनों में भी इसी तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, निगम ने वर्ष 2024-25 में गृह कर वसूली का लक्ष्य 150 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन अब तक मात्र 105 करोड़ की वसूली हो पाई है। इस घोटाले से यह संदेह और गहरा हो गया है कि वसूली के आंकड़ों में हेराफेरी की गई है।
👉 पिछले एक वर्ष की कैंसिल रसीदों पर भी होंगी जांच शुरू…
घोटाले के सामने आने के बाद नगर निगम ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब पिछले एक वर्ष में जारी की गई सभी कैंसिल रसीदों की भी जांच की जाएगी। अधिकारियों को आशंका है कि इस दौरान भी इसी तरह की वित्तीय अनियमितताएं की गई होंगी। इस पूरे मामले पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पी.के. द्विवेदी का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच जारी है और यदि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो जांच के बाद उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि सूत्रों की मानें तो यह घोटाला 2 करोड़ रुपये से भी अधिक का हो सकता है। फिलहाल इस मामले का खुलासा होने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है ।
अमरनाथ झा पत्रकार – 8318977396
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