घटिया सामग्री से बनी सड़क आठ महीने में ही ध्वस्त, प्रशासन मौन डीएम के निर्देशों के बावजूद भ्रष्टाचार जारी, करोड़ों की लागत के बाद भी सड़क बदहाल

👉 डीएम के निर्देशों के बावजूद भ्रष्टाचार जारी, निर्देशों की अनदेखी से बढ़ता भ्रष्टाचार
👉 सड़क पर गड्ढों की भरमार, जनता परेशान ,भ्रष्टाचार की जांच जरूरी, जनता की मांगा
कौशाम्बी । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनी सड़क महज आठ महीनों में ही जगह-जगह से टूटकर बिखर गई है। इस सड़क का निर्माण चायल तहसील के किशुनपुर कैनाल नहर पर मेसर्स नव भारत ट्रेडिंग कंपनी, म्योर रोड, प्रयागराज द्वारा किया गया था। निर्माण में भारी अनियमितताओं के कारण यह सड़क अब खस्ताहाल हो चुकी है। स्थानीय निवासियों में इसको लेकर गहरा रोष है।
डीएम के निर्देशों की अनदेखी
जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क निर्माण में लीपा-पोती कर बजट को पास कर दिया गया, जिससे घटिया सामग्री से बनी सड़क कुछ ही महीनों में टूटकर ध्वस्त हो गई। निर्माण कार्य में घोर लापरवाही और कमीशनखोरी का खेल सामने आया है, जिससे सरकार की करोड़ों की लागत व्यर्थ होती दिख रही है।
कई हिस्सों में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त
फरीदपुर से गौहरअली का पूरा पुलिया तक सड़क जगह-जगह से पूरी तरह बिखर गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पूरी सड़क पर कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं, जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भ्रष्टाचार और अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
सवाल यह उठ रहा है कि जब सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब थी, तो जेई और अन्य अधिकारियों ने ठेकेदार का बजट पास कैसे कर दिया? क्या निर्माण कार्य की कोई सही जांच की गई थी? यह मामला गंभीर जांच का विषय है, क्योंकि इसमें उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों की मांग – हो उच्च स्तरीय जांच
क्षेत्रीय निवासियों ने इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई, तो भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही की जड़ें और गहरी हो सकती हैं।
प्रशासन कब उठाएगा ठोस कदम?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है। क्या भ्रष्टाचार में लिप्त ठेकेदार और अधिकारियों पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा, या फिर यह मामला अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा ।