कौशांबी: गौशालाओं की बदहाल स्थिति, सरकारी योजनाएं बेअसर ,इब्राहिमपुर गांव में पशुओं की मौत से प्रशासन बेखबर

👉 पशु गणना में देरी, सही आंकड़े आने पर संदेह, सरकारी योजनाएं कागजों तक सीमित, लाभार्थी परेशान
👉 गौशालाओं में चारा-पानी की किल्लत, भूख से मर रहे पशु, अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार से बिगड़ते हालात
👉 समाधान जरूरी: निगरानी बढ़े, लापरवाहों पर कार्रवाई हो…
👉 सरकारी योजनाओं के बावजूद गौशालाओं में अव्यवस्था, पशुओं की हालत दयनीय…
कौशांबी । जिले में पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जिले की 83 गौशालाओं में से अधिकांश की हालत खराब है। पशुओं को चारा-पानी तक सही से नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे भूख और बीमारी से मर रहे हैं। मंझनपुर ब्लॉक के इब्राहिमपुर गांव में तीन दिन पहले कई पशुओं की मौत हो गई, लेकिन खबर प्रकाशित होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। गौशाला में अब भी पशुओं की हालत खराब बनी हुई है, और मृत पशुओं का मेडिकल परीक्षण तक नहीं कराया गया। प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण यह समस्या और गंभीर हो गई है।
पशु गणना का कार्य जारी, समय सीमा बढ़ी
जिले में 21वीं पशु गणना चल रही है, जिसे 28 फरवरी तक पूरा होना था, लेकिन समय सीमा बढ़ा दी गई है। अब तक लगभग 55-60% पशु गणना पूरी हो चुकी है। पिछली 20वीं पशु गणना के अनुसार, जिले में 5 लाख 40 हजार 898 बड़े पशु थे, जिनमें गोवंश और महिषवंश शामिल थे। इसी तरह 20565 भेड़ और 312771 बकरी शामिल हैं। इस बार भी 21वीं पशु गणना चल रही है लेकिन प्रशासन इस गणना को पूरी करने में ढील बरत रहा है।
सरकारी योजनाएं, लेकिन लाभार्थियों को नहीं मिल रहा पूरा लाभ
सरकार ने पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है।
- मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना – इस योजना के तहत चार लाभार्थियों का चयन किया गया है, इसमें 23.60 लाख की योजना है इसमें 50% सब्सिडी मिलेगी।
- मुख्यमंत्री स्वदेशी गौतम संवर्धन योजना – इस योजना में 12 पुरुष और 12 महिलाओं का चयन किया गया है, जिन्हें 80,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत दो गायें खरीदने का प्रावधान है।
हालांकि, लाभार्थियों के चयन में लाटरी हो चुकी है।
गौशालाओं की बदहाल स्थिति, भूख-प्यास से मर रहे हैं पशु
कौशांबी जिले की 83 गौशालाओं है जिसमें 15362 पशु संरक्षित किए गए हैं जिसमें से अधिकतर की स्थिति दयनीय है। गौशालाओं में चारा-पानी की भारी कमी है, जिससे पशु भूख और बीमारी से मर रहे हैं।
- मंझनपुर ब्लॉक के इब्राहिमपुर गांव में तीन दिन पहले कई पशुओं की मौत हो गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- मृत पशुओं को कई दिनों तक नहीं उठाया जाता, जिससे कुत्ते उन्हें नोच रहे हैं।
- कई जगहों पर जेसीबी से गड्ढों में दबाने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
- पशुओं की टैगिंग में अनियमितताएं हैं, क्योंकि नए पशु लाए जा रहे हैं और पुराने मर रहे हैं, जिससे सही आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं।
- मृत पशुओं का मेडिकल परीक्षण नहीं किया जा रहा, जिससे मौत का सही कारण भी सामने नहीं आ रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही, सरकार की योजनाएं हो रही है विफल…..
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार पटेल का दावा है कि उन्होंने कुछ गांवों का दौरा किया और हालात संतोषजनक पाए, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण पशुओं की सही देखभाल नहीं हो पा रही है।
गौशाला संचालक और स्थानीय प्रशासन अवैध वसूली और भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आ रहे हैं। गौशालाओं के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा दिए गए फंड का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
समाधान की आवश्यकता: सख्त निगरानी और कार्रवाई जरूरी
गौशालाओं की इस बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।
- गौशालाओं की नियमित जांच होनी चाहिए।
- पशुओं के चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- मृत पशुओं के निस्तारण की सही व्यवस्था होनी चाहिए।
- जो अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
- सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे, इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए।
– रिपोर्ट: अमरनाथ झा …9415254415 , 8318977396