कौशांबी में अवैध तरीके से ओवर लोड बालू परिवहन में लिप्त 9 पासरो को किया गया था गिरफ्तार, लेकिन गैंगस्टर एक्ट लागू न होने पर उठ रहे सवाल,पिपरी थाने मे दर्ज है मुकदमा

👉 अवैध परिवहन में लिप्त 9 पासरो को गिरफ्तार कर भेजा गया था जेल,आधा दर्जन से अधिक ओवरलोड वाहनों की मिली थी जानकारी
👉 पासरों के पास से चार कारें और कई मोबाइल बरामद, पुलिस ने की कार्रवाई, लेकिन गैंगस्टर एक्ट पर अब भी सवाल
👉 संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कदम जरूरी, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, अपराधियों पर कठोर कार्रवाई से ही बहाल होगी कानून व्यवस्था….
रिपोर्ट – अमरनाथ झा पत्रकार…9416254415
कौशाम्बी । जिले के पिपरी थाना क्षेत्र में 19 अक्टूबर 2024 को दर्ज अपराध संख्या 202 के तहत कई पासरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इन पर अवैध रूप से बालू लदे ओवरलोड वाहनों को पास कराने, वाहनों की लोकेशन साझा करने और अधिकारियों पर हमला करने के गंभीर आरोप हैं। इनके बढ़ते आतंक के कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
पुलिस की कार्रवाई और जब्ती
पिपरी पुलिस ने इस मामले में धारा 207 एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए दर्जनों अवैध बालू लदे वाहनों को सीज किया है। इसके अतिरिक्त, चार अलग-अलग कारों से 9 पासरों को गिरफ्तार किया गया, जो आधा दर्जन से अधिक ओवरलोड वाहनों को लोकेशन देकर अवैध रूप से संचालित कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन और संदिग्ध वाहन जब्त किए गए, जिनमें शामिल हैं—
- स्विफ्ट डिजायर (UP 70 BK 6216) – चालक: नवीद (मुंडेरा)
- ब्रेजा सफेद (UP 70 AC 2367) – चालक: कमलेश सिंह व अनिल (असरावल खुर्द, थाना एयरपोर्ट)
- स्विफ्ट कार (UP 70 EY 3999) – चालक: अश्वनी कुमार त्रिपाठी (तिल्हापुर)
- अन्य गिरफ्तार आरोपी: साबिद पुत्र सफीक (सिरियावा), असद पुत्र इदरीस (खल्लाबाद), आलोक सिंह (नेवादा, थाना सराय)
गैंगस्टर एक्ट लागू न करने पर उठे सवाल
हालांकि पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन अब तक इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट जैसी कठोर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। यह गंभीर विषय इसलिए है क्योंकि अवैध खनन और संगठित अपराध में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि वे दोबारा इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल न हो सकें।
आवश्यक कदम और प्रशासन की भूमिका
क्षेत्र में अपराध और भय के माहौल को खत्म करने के लिए प्रशासन को इस मामले की पुनः समीक्षा करनी चाहिए। यदि आरोपित व्यक्तियों की गतिविधियाँ संगठित अपराध की श्रेणी में आती हैं, तो उनके विरुद्ध तत्काल गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन से अपेक्षा है कि वे कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पारदर्शिता के साथ सख्त कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।