Fri. Apr 11th, 2025

कौशांबी सरकारी आईटीआई में फैला भ्रष्टाचार, सरकारी वाहनों का हो रहा निजी उपयोग और शासनादेश का उल्लंघन, छात्रा उत्पीड़न के आरोप में आरोपियों को सहयोग और प्रशासनिक लापरवाही , सिराथू आईटीआई प्रिंसिपल ने बनाई आय से अधिक संपत्ति, जांच की मांग

👉 शिक्षा संस्थानों में अव्यवस्था और गबन की घटनाएँ ,समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत

👉 पारदर्शी प्रशासन और सुधार की है आवश्यकता, ई0वी का हो रहा दुरुपयोग, बिना अनुमति जिला छोड़ गायब रहते है प्रधानाचार्य 

कौशांबी । जिले के सरकारी आईटीआई संस्थानों और प्राइवेट संस्थानों में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद गंभीर और चिंताजनक है। ये समस्याएँ न केवल शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, बल्कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का भी स्पष्ट उदाहरण हैं।

बात दे कि मंझनपुर आईटीआई के प्रिंसिपल रुद्र गौतम पर सरकारी इलेक्ट्रॉनिक वाहन (ईवी) के निजी उपयोग का आरोप है। उन्होंने शासनादेश का उल्लंघन करते हुए इस वाहन का प्रयागराज और अन्य स्थानों पर इस्तेमाल किया है । गौरतलब है कि इस तरह के दुरुपयोग पर पहले भी अन्य जिलों में कार्रवाई हो चुकी है।

इसके अलावा, संस्थान के अनुदेशक विवेक तिवारी और ध्रुव पर एक छात्रा से छेड़खानी और दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज है। इन गंभीर आरोपों के बावजूद, प्रिंसिपल द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिलाने की कोशिश की गई, और उनको बोनस दिलाने का कार्य कराया गया है,जिससे उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

इसी तरह सिराथू आईटीआई में भी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप हैं। जब भी परीक्षा होती थी तो परीक्षा पर्यवेक्षकों के रूप में दागी शिक्षकों की नियुक्ति कर अवैध वसूली की गई है । सूत्रों के अनुसार, लाखों रुपये की अवैध वसूली का यह खेल संस्थान के प्रिंसिपल की जानकारी और भागीदारी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त, सिराथू आईटीआई के प्रिंसिपल के0के राम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि उन्होंने प्रयागराज में करोड़ों की संपत्ति और अन्य अचल संपत्तियाँ अर्जित की हैं, जो जांच का विषय है।

जिले में समस्त आईटीआई संस्थान की अव्यवस्था भी गंभीर चिंता का कारण है। अधिकांश आईटीआई में नियमित कक्षाएँ नहीं चल रही हैं। शौचालयों की स्थिति दयनीय है और गंदगी का वातावरण बना हुआ है। परीक्षा के नाम पर छात्रों से अवैध वसूली की जाती है । संस्थानों में क्लास नहीं चलती है जिससे अभिधा वसूली होती है । इसी तरह सरकारी बजट का दुरुपयोग भी एक और बड़ी समस्या है। घटिया गुणवत्ता वाले स्थानीय सामान की खरीद दिखाकर फर्जी बिल बनाकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है। खरीद प्रक्रियाओं में पारदर्शिता का पूरी तरह अभाव है, यदि जांच हुई तो खुलासा होना तय है।

हाल ही में सिराथू आईटीआई के प्रिंसिपल का वेतन डीएम ने रोक दिया था तो प्रिंसिपल द्वारा जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना करते हुए अपने सभी स्टाफ का वेतन रोकने की घटना भी सामने आई है । डीएम द्वारा प्रिंसिपल के वेतन पर रोक लगाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया, जिससे यह मामला और भी अधिक चर्चा में आ गया है ।

आवश्यक कदम और समाधान की बात करें तो स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है। इन गंभीर आरोपों की गहराई से जांच के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच आयोग का गठन किया जाए। दोषी प्रिंसिपलों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जरुरत है । सिराथू प्रिंसिपलों और संबंधित अधिकारियों की संपत्ति की विस्तृत जांच कर आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिले की समस्निया आईटीआई में नियमित कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाए। स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। बजट का पारदर्शी उपयोग हो और खरीद प्रक्रियाओं की सख्ती से निगरानी की जाए। परीक्षा के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों की योग्यता सुनिश्चित की जाए। छात्रों, विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और छेड़खानी जैसे मामलों में कड़ी कार्रवाई हो। इसी तरह दो अनुदेशकों विवेक तिवारी और ध्रुव पर दलित छात्रा के साढ़ छेड़खानी का मामला विचाराधीन है। सूत्री की माने तो विवेक तिवारी अनुदेशक ने अपने परिजनों का जो गैर जिले के है उनका एडमिशन कराया गया है जिसकी जांच की जरूरत है । कई साल से धंधा चल रहा है, ईडब्लूएस कोटे में एडमिशन में भी गड़बड़ी की गई है।

कौशांबी जिले के आईटीआई संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही न केवल शिक्षा प्रणाली को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। उच्च अधिकारियों को त्वरित और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इन संस्थानों की साख और विश्वसनीयता बहाल हो सके। पारदर्शी प्रशासन और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई से ही इन समस्याओं का समाधान संभव है।

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415

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