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अब्दुल कवि का फतेहगढ़ जेल में स्थानांतरण ,18 साल की फरारी का अंत और आत्मसमर्पण ,राजू पाल हत्याकांड में आजीवन कारावास

👉 फतेहगढ़ जेल: हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए सख्त सुरक्षा ,माफिया नेटवर्क पर प्रशासन का प्रहार

👉 अब्दुल कवि के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले. अतीक अहमद के साम्राज्य के अंत की शुरुआत

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया अतीक अहमद के खतरनाक गैंग IS-227 के मुख्य शूटर अब्दुल कवि को कौशांबी जेल से फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया है। यह कदम सुरक्षा कारणों और माफिया तंत्र पर प्रहार की मंशा से उठाया गया। अब्दुल कवि को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फतेहगढ़ जेल भेजा गया, जहां उसकी गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद से अब्दुल कवि 18 वर्षों तक फरार रहा। उमेश पाल मर्डर केस के बाद पुलिस के दबाव और परिवार पर कार्रवाई के चलते उसने मार्च 2024 में सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उसे राजू पाल हत्याकांड में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

फतेहगढ़ जेल, जो हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए अपनी सख्त सुरक्षा के लिए जानी जाती है, में अब्दुल कवि को स्थानांतरित करना प्रशासन की माफिया विरोधी रणनीति का हिस्सा है। जेल प्रशासन ने कहा कि स्थानांतरण का आदेश बुधवार रात मिला था, जिसके बाद सभी प्रक्रियाएं पूरी कर उसे शुक्रवार को भेजा गया। अब्दुल कवि के खिलाफ हत्या, अपहरण, और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामलों में आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। उमेश पाल मर्डर केस के बाद पुलिस ने उसके सहयोगियों और गैंग के अन्य सदस्यों पर कार्रवाई तेज कर दी है।

सरकार के इस कदम को माफिया अतीक अहमद के नेटवर्क को कमजोर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह कार्रवाई माफिया तंत्र के खिलाफ प्रशासन के आक्रामक रुख और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अब्दुल कवि के स्थानांतरण से अतीक अहमद के गिरोह पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

 

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