प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयागराज दौरा, महाकुंभ 2025 की तैयारियों का व्यापक निरीक्षण , पीएम के साथ सीएम योगी और राज्यपाल रही मौजूद
👉 प्रधानमंत्री मोदी ने संगम तट पर की पूजा-अर्चना, महाकुंभ 2025 की तैयारियों का शुभारंभ, डिजिटल महाकुंभ: एआई चैटबॉट और हाईटेक स्वास्थ्य सेवाओं का हुआ लॉन्च
👉 सुरक्षा में नया आयाम: सीसीटीवी, ड्रोन और साइबर थाना करेंगे निगरानी ,योगी सरकार के प्रयासों की सराहना, महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प
👉 महाकुंभ 2025 आस्था, संस्कृति और डिजिटल प्रौद्योगिकी का संगम, कार्यक्रम मे सीएम योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रही शामिल
प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रयागराज का दौरा कर महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। संगम नगरी पहुंचकर प्रधानमंत्री ने संगम तट पर स्नान किया और विधिवत पूजा-अर्चना कर महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित रहीं। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक आयोजन को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए चल रही तैयारियों की समीक्षा की और प्रशासन को इसके सफल क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ 2025 को एक डिजिटल महाकुंभ के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में कई नई पहल का शुभारंभ किया। उन्होंने 11 भाषाओं में काम करने वाले एआई चैटबॉट को लॉन्च किया, जो देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए नेविगेशन, पार्किंग, आवास और अन्य सुविधाओं की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराएगा। यह चैटबॉट न केवल डिजिटल प्रौद्योगिकी का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रहे विकास और नवाचार के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है।
महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने एआई आधारित संवाद प्रणाली का भी उद्घाटन किया। यह प्रणाली 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में काम करेगी, जिससे डॉक्टर और मरीजों के बीच संवाद सुगम होगा। अस्थायी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए यह तकनीक बेहद लाभकारी होगी, क्योंकि यह भाषा की बाधा को समाप्त कर तीव्र और प्रभावी उपचार में सहायक होगी।
सुरक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को एक नई दिशा दी। मेला क्षेत्र में 2750 सीसीटीवी कैमरे और अत्याधुनिक टीथर्ड ड्रोन लगाए गए हैं। साथ ही, एआई आधारित साइबर थाना भी स्थापित किया गया है, जो डार्क वेब, सोशल मीडिया स्कैम्स और ऑनलाइन ठगी की गतिविधियों पर नजर रखेगा। यह तकनीक महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रही तैयारियों की सराहना की और कहा कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर भी है। उन्होंने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए शुभकामनाएं दीं। महाकुंभ 2025 के लिए यह दौरा तैयारियों को गति देने और इसे एक नई पहचान देने का प्रतीक है।
———————————–_————————————
महाकुम्भ 2025: कुम्भ नगरी के घाटों पर नव्य स्वरूप
प्रयागराज। महाकुम्भ 2025 के लिए प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के घाट पूरी तरह से भव्य और आकर्षक स्वरूप में तैयार किए गए हैं। 11 करोड़ रुपये की लागत से इन घाटों का सौंदर्यीकरण और पुनरुद्धार किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित 11 दिसंबर के दौरे से पहले सभी सात घाटों का काम पूर्ण कर लिया गया है ।
नव्य और भव्य घाट – योगी सरकार ने काशी की तरह प्रयागराज के घाटों को भी आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया है। बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट (झूंसी), नागेश्वर घाट (झूंसी), मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट को विकसित किया गया है। इन सभी घाटों पर प्रकाश व्यवस्था, हरित पट्टी, स्वच्छ पेयजल, और पर्यटकों के लिए बैठने और छतरियों की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
पेयजल: घाटों पर आरओ सिस्टम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा।चेंजिंग रूम: डुबकी लगाने के बाद कपड़े बदलने की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम तैयार किए गए हैं। हरित पट्टी: घाटों को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए हरित पट्टी विकसित की गई है।बैठने की सुविधा: श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेंच लगाई गई हैं।सचल टॉयलेट: स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए पोर्टेबल टॉयलेट्स लगाए गए हैं।
कार्य लगभग पूर्ण- जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन के अनुसार, घाटों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण लगभग पूरा हो चुका है। शेष फिनिशिंग का कार्य 11 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया गया है ।
महाकुम्भ 2025 में प्रयागराज के ये घाट न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और बेहतर बनाएंगे, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक कुम्भ को यादगार बनाएंगे।