कौशांबी में गोबरधन योजना का बायोगैस प्लांट निष्क्रिय, जिम्मेदारों की लापरवाही से योजना पर लगा ग्रहण
👉 सरकार की महत्वपूर्ण योजना पर लगा है ग्रहण कब होगी कार्यवाही, जिम्मेदार आंख मूंदकर बैठे ,24 लाख की लागत से बना है बायोगैस प्लांट
प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शुरू की गई गोबरधन योजना का उद्देश्य गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत विकसित करना था। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 300 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। लेकिन कौशांबी जिले के बिदांव ग्राम पंचायत में स्थापित बायोगैस प्लांट इसका प्रतिकूल उदाहरण पेश कर रहा है।
बता दें कि 24 लाख रुपये का बायोगैस प्लांट अभी भी निष्क्रिय है। गोबरधन योजना के तहत बिदांव की अस्थाई गौशाला में 24 लाख रुपये की लागत से सिद्धू बायोटेक एजेंसी द्वारा 45 घन मीटर क्षमता वाला बायोगैस संयंत्र बनाया गया है । इसे गौवंशों के अपशिष्ट का उपयोग करके बिजली और बायोगैस उत्पन्न करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था लेकिन यह संयंत्र शुरू होने से पहले ही लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
गांव में चलाई गई इस योजना पर अब सवाल उठ रहे है । इस संयंत्र के निष्क्रिय होने से योजना की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा और गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को भी प्रभावित कर रही है।
आखिर कब जागेंगे जिम्मेदार यह एक बड़ा सवाल है। ग्राम पंचायत और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता ने इस महत्वाकांक्षी योजना को विफलता की ओर धकेल दिया है। जनता अब सवाल कर रही है कि जिम्मेदार अधिकारी कब अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और इस समस्या का समाधान करेंगे। जिला प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे ताकि योजना को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415