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प्रयागराज: ब्रिजधाम बिहार कॉलोनी में मकानों की वैधता पर सवाल, आरटीआई से मकानों के नक्शा पास होने का होगा खुलासा, बिना नक्शा पास बन रहे कई मकान

👉 प्रयागराज विकाश प्राधिकरण के जोन एक में बसाई गई है प्लाटिंग करके ब्रिज धाम बिहार कालोनी, अबुबकरपुर नीवा रोड पर बनी है कालोनी 

👉 आखिर किन किन आराजी नंबर पर हुई है प्लाटिंग, कौन है इस कालोनी का प्लॉटर, क्या नियम कानून के मुताबिक सारी सुविधाओं को देकर बसाया कालोनी, यह भी जांच का है विषय 

प्रयागराज । नगर निगम एवं शहर के पीडीए जोन-1 मे बनी कालोनी ब्रिजधाम विहार के मकानों के नक्शे पास है या नहीं इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। शहर के पीडीए जोन-1 में स्थित ब्रिजधाम बिहार कॉलोनी नीवा रोड अबूबकरपुर में बने मकानों की वैधता को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में एक नागरिक ने आरटीआई के माध्यम से पीडीए से जानकारी मांगी है कि कॉलोनी में कितने मकानों का नक्शा प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा पास किया गया है और कितने मकान बिना नक्शा पास कराए ही बनाए गए हैं। इस आरटीआई के जवाब से कॉलोनी के निर्माण की वैधता पर से पर्दा उठने की उम्मीद है। सूत्रों की माने तो इसके अन्दर अभी भी कई मकान बिना नक्शा पास बनाए जा रहे हैं ।

नक्शा पास न होने का मामला और अवैध निर्माण का संदेह

यह सवाल अब गंभीर हो गया है कि क्या ब्रिजधाम बिहार कॉलोनी के सभी मकानों का निर्माण पीडीए के नियमों और मानकों का पालन करते हुए किया गया है या नहीं। यदि इस आरटीआई के जवाब में यह खुलासा होता है कि अधिकतर मकानों का नक्शा पास नहीं है, तो कॉलोनी की वैधता पर बड़ा सवाल खड़ा होगा। इसके अलावा, यदि कॉलोनी को अवैध तरीके से बसाया गया है, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति और प्राधिकरण की भूमिका की भी जांच होगी।

आरटीआई में उठाए गए मुख्य प्रश्न:

आरटीआई के तहत निम्नलिखित जानकारी पीडीए से मांगी गई है:

1. कॉलोनी में कितने मकानों का नक्शा पीडीए द्वारा पास किया गया है?

2. कितने मकानों का निर्माण बिना नक्शा पास कराए हुआ है?

3. पीडीए ने अब तक कॉलोनी में वैधता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

4. कॉलोनी की प्लॉटिंग करने वाले व्यक्ति या संस्था ने क्या सभी नियमों और मानकों का पालन किया है या नहीं?

पीडीए द्वारा अब तक उठाए गए कदम

इस मामले में पीडीए द्वारा अब तक कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है। आरटीआई में मांगे गए सवालों के जवाब को लेकर पीडीए की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि कॉलोनी के नक्शा पास न होने और अवैध निर्माण की शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। संभावना है कि कॉलोनी की पूरी जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और आरटीआई के जवाब में सभी तथ्यों का खुलासा किया जाएगा।

संभावित कार्रवाई 

यदि इस आरटीआई के जवाब में यह पाया जाता है कि कॉलोनी के अधिकतर मकानों का नक्शा पास नहीं है और अवैध निर्माण हुआ है, तो पीडीए द्वारा निम्नलिखित कार्रवाई की जा सकती है । बताया तो यह भी जाता है कि कई लोग का मकान बिना नक्शा पास ही बन रहा है जो जांच का विषय है ।

1. नोटिस जारी करना: मकान मालिकों और कॉलोनी के विकासकर्ता को नोटिस जारी कर निर्माण की वैधता को साबित करने के लिए कहा जा सकता है।

2. जुर्माना और वैधकरण: अवैध निर्माण को वैध करने के लिए अतिरिक्त शुल्क के साथ जुर्माना लगाया जा सकता है।

3. विध्वंस की कार्रवाई: यदि मकानों का निर्माण पूरी तरह से अनधिकृत और नियमों का उल्लंघन कर हुआ है, तो पीडीए द्वारा इन मकानों को ढहाने की कार्रवाई की जा सकती है।

4. कानूनी कार्रवाई: कॉलोनी के विकासकर्ता पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे दंडित किया जा सकता है

मगर के थाना धूमनगंज इलाके के अबुबकरपुर बनी इस कालोनी के बारे में अब नागरिकों की प्रतिक्रिया होने लगी है। ब्रिजधाम बिहार कॉलोनी के निवासियों में इस खुलासे के बाद चिंता का माहौल बनना तय है । उनका कहना है कि उन्होंने प्लॉट और मकान खरीदते समय सभी नियमों का पालन होने का भरोसा किया था। अब यदि मकान नक्शा पास न होने के कारण अवैध साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्यवाही उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है। कॉलोनी के निवासियों ने पीडीए से निष्पक्ष जांच की मांग की है और अवैध कॉलोनियों पर प्रभावी नियंत्रण की अपील की है ताकि भविष्य में ऐसे मामले न हों। इस मामले में जोन एक के जोनल अधिकारी और जे0ई के0पी यादव को भी अवगत करा कर जानकारी मांगी गई है।

यदि हम इसके निष्कर्ष की बात करें तो ब्रिजधाम बिहार कॉलोनी में अवैध निर्माण और नक्शा पास न होने का मामला प्रयागराज के शहरी नियोजन और विकास प्राधिकरण के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस आरटीआई के जवाब से कॉलोनी की वैधता पर पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। पीडीए को चाहिए कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाए और ऐसी व्यवस्था करे जिससे भविष्य में अवैध निर्माणों को रोका जा सके, साथ ही नागरिकों के हितों की भी रक्षा हो।

 

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