खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, अवैध खनन रोकने गए नायब तहसीलदार पर हमला, नहीं रुक रहा है अवैध मिट्टी खनन
खनन माफियाओं ने किया शनिवार को नायब तहसीलदार पर हमला, कोतवाली मंझनपुर में रात को हुआ मुकदमा दर्ज
कौशाम्बी । जिले के मंझनपुर थाना क्षेत्र के खोजवापुर गांव में अवैध खनन का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाके में मिट्टी के अवैध खनन की गतिविधियां तेज हो गई हैं, जिससे शासन-प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। इसी कड़ी में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए नायब तहसीलदार को मौके पर भेजा गया, परंतु खनन माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया गया हैं। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है और प्रशासन पर सवालिया निशान लग गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नायब तहसीलदार अवैध खनन की गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से खोजवापुर पहुंचे थे। परंतु वहां पर सक्रिय खनन माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया । खनन माफियाओं का यह दुस्साहस प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है और यह दर्शाता है कि जिले में इन अवैध गतिविधियों पर कितनी ढील दी जा रही है।
इस घटना के बाद से क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से समदा निवासी अंसार अहमद और कई लोगो द्वारा खुलेआम मिट्टी खनन किया गया है जिसकी कई बार शिकायत ट्वीटर और मंझनपुर पुलिस से की गई थी लेकिन लेनदेन कर छोड़ दिया गया था। इस इलाके में मिट्टी का अवैध खनन तेजी से बढ़ा है। खनन माफिया न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि गांवों के प्राकृतिक संसाधनों का भी शोषण कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से कई बार प्रयास किए गए, लेकिन हर बार खनन माफिया कानून का उल्लंघन कर अपने अवैध काम को जारी रखते हैं।
खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम सरकारी अधिकारियों पर भी हमला करने से नहीं हिचकिचा रहे। नायब तहसीलदार पर हुए इस हमले के बाद अब प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि इन माफियाओं के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जा सके। फिलहाल इस मामले में कोतवाली मंझनपुर थाने में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा मामले की गहन जांच कर रही है ।
इस घटना ने न केवल प्रशासन को सतर्क होने का इशारा किया है, बल्कि स्थानीय निवासियों में भी खनन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने का साहस दिया है। लोगों का मानना है कि यदि समय रहते इन माफियाओं पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह न केवल पर्यावरण और संसाधनों के लिए बल्कि समाज की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।
अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415