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रेंजर का फैला भ्रष्टाचार ,कल रात मोटी रकम लेकर उरई में कटवा दिया 8 महुआ का पेड़,कब होगी इसके काले कारनामों की जांच

👉 चलवाता है अवैध आरा मशीने,बंधा रखा है महीना , मातहत कर्मियों से करता है बत्तमीजी से बतौर गाली गलौज

👉 अवैध कमाई कर खड़ा किया कई करोड़ो का साम्राज्य ,कब होगी आय से अधिक संपति की जांच ।

👉 चोरी चोरी कटवाता है हरे पेड़ ,चोर की तरह करता है अवैध वसूली ,30 हजार बंधा है प्रति आरा मशीन,बना चर्चा का विषय 

👉 एक सप्ताह पहले चरवा में कटवाया 15 शीशम का पेड़,90 हजार लेने की है चर्चा ,चायल और मंझनपुर में मचा रखा है लूट 

कौशाम्बी। जनपद में जहां एक ओर हरे-भरे पेड़ों का कटान रोकने की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है, वहीं मंझनपुर रेंजर राज कैथवाल द्वारा खुलेआम वसूली कर हरे पेड़ों का कटान कराया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, रेंजर प्रत्येक आरा मशीन से 30 हजार रुपये प्रति मशीन की दर से वसूली करता है। चायल का प्रभारी होने के नाते रेंजर ने चायल और मंझनपुर दोनों क्षेत्रों में अवैध वसूली का साम्राज्य फैला रखा है। चायल के चरवा में कई दर्ज शीशम का पेड़ काटकर 90 हजार वसूल लिया है ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां एक ओर रेंजर पर पौधारोपण में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप हैं, वहीं दीपावली से पहले वाचरों का वेतन भी लंबित रखा गया है। आरोप हैं कि जिन वाचरों ने इस संबंध में अपनी समस्याएं उठाई, उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई है। दो दिन पहले उरई के असरापुर क्षेत्र में रेंजर ने 7-8 हरे महुआ के पेड़ों को रातों-रात कटवा दिया, और इसके लिए लगभग 50 हजार रुपये की वसूली की गई। सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में अवैध आरा मशीनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और रेंजर इन मशीनों को महावारी लेकर चलवाता है।

रेंजर की इस तरह की गतिविधियों के कारण स्थानीय लोग खासे परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रेंजर न केवल सरकारी कार्यों में अवैध हस्तक्षेप करता है, बल्कि अपने मातहत कर्मचारियों के साथ भी असंवेदनशीलता और बत्तमीजी से पेश आता है। गाली-गलौज और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की घटनाएं आम हो चुकी हैं।

इसके अलावा, रेंजर पर आय से अधिक संपत्ति और बेनामी संपत्ति के आरोप भी सामने आ रहे हैं। ग्रामीणों और क्षेत्रीय नागरिकों ने मांग की है कि रेंजर के इन काले कारनामों की जांच कराई जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार और मनमानी के चलते न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि जनहित भी प्रभावित हो रहा है।

अब देखना यह है कि इस गंभीर मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है और रेंजर के खिलाफ कब कार्रवाई की जाती है।

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