Mon. Dec 23rd, 2024

नहीं रुक रही है चौकी इंचार्ज परमेश यादव की तानाशाही ,आईपीएस का भाई होने का क्षेत्र में पीट रहा है ढिंढोरा , ठेंगे पर रखता है अधिकारियों का आदेश,क्षेत्र में बढ़ा अपराध

👉 कहता है मेरा भाई है आईपीएएस ,अपने दम पर मैं करता हूं इंचार्जी । पिपरी थाना के चायल चौकी प्रभारी परमेश यादव की कब रुकेगी तानाशाही ,जहां भी रहा इंचार्ज क्षेत्र में बढ़ा है अपराध  ।

👉 महिला ने लगाया चौकी प्रभारी पर हत्या कराने का आरोप, मारपीठ की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कई दिनों से चौकी पुलिस की भूमिका संदिग्ध  ।

👉 30 अक्टूबर को पीड़िता ने दर्ज कराई है थाने में रिपोर्ट, चौंकी प्रभारी ने आज फिर से अपने बचने के लिए कर दी है दोनों पक्ष पर पाबंद की कार्यवाही ।

कौशांबी  ।जिले के पिपरी थाना क्षेत्र के चायल चौकी इंचार्ज की तानाशाही थमने का नाम नहीं ले रही है । चायल चौकी इंचार्ज परमेश यादव अपने भाई आईपीएस के नाम का ढिंढोरा पीठ कर क्षेत्र में दबदबा बना रखा है । यहां तक की अधिकारियों का आदेश भी ठेंगे पर रखता है । चारों तरफ यह ढिंढोरा पीट रहा है कि उसका भाई आईपीएस है इसलिए वह अपने दम पर चौकी इंचार्ज है , किसी की क्या मजाल कि उसका कोई कुछ बिगाड़ लेगा । इस तरह की बातें क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है ।

बता दें कि यह चौकी इंचार्ज जहां-जहां भी रहा है वहां- वहां अपने भाई की आईपीएस होने का दम भर कर हमेशा भौकाल बनाता रहा है । इसके क्षेत्र में अपराधों का बोल बाला रहा है । चौकी क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में विमला देवी की जमीन को उसके परिवार के लोगों ने जबरन कब्जा करना चाह रहे है । जिसका 3 दिन पहले विरोध करने पर उसे गुलाब और कई लोगों ने मिलकर मारा पीटा है । इस घटना की रिपोर्ट पिपरी थाना में 30 अक्टूबर को दर्ज कराई गई है। कई बार इस मामले में पीड़िता चायल चौकी गई लेकिन उसकी सुनाई नहीं हुई । आज शनिवार को फिर जब पीड़िता अपने खेत में पानी सींचने गई तो दबंगों ने फिर लाठी डंडा लेकर पहुंच गए और विवाद करने लगे । खेत में लगा पानी को भी नली तोड़ दिए । सूचना पर मौके पर 112 नंबर पुलिस पहुंची लेकिन चौकी पुलिस 3 घंटा बाद पहुंची है । इनके सामने भी पीड़िता को गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देते रहे लेकिन पुलिस तमाशाबीन बनी रही है । पीड़िता ने चौकी इंचार्ज परमेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा है की पुलिस उसके विपक्षियों से मिली हुई है । चौकी इंचार्ज महिला की हत्या करवाना चाहता है । उच्च अधिकारियों को शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है ।

बता दें कि विमला देवी की ननंद का एक बीघा जमीन थी जो अपनी मौत से पहले विमला देवी को वसीयत कर दी थी । इस बात को उसकी ननंद अपने जीवन काल में ही थाना चौकी में सभी भाइयों से समझौता करवाए थे कि उसकी जमीन में कोई हिस्सा नहीं लेगा । वह अपनी भाभी को इसलिए दे रही कि हमेशा उसने उसकी सेवा की है ।लेकिन उसके मरने के बाद ही गुलाब और उसके अन्य भाई लेखपाल से साठ गांठ कर खतौनी में नाम दर्ज करवा लिया है । जैसे ही पीड़िता को पता चला तो उसने नायब तहसीलदार चायल के यहां मुकदमा दाखिल कर दिया है जो विचाराधीन है । पीड़िता का सदैव जमीन पर कब्जा रहा है । 30 दिसंबर को पीड़िता जब अपने खेत में थी तभी दबंग गुलाब और उसके कुछ लोगों ने विमला पर चढ़ाई करके मारपीट की है, जिसकी रिपोर्ट थाना पिपरी में दर्ज कराई गई है । अब चौकी पुलिस उस मामले में कार्रवाई न करके आज पुनः उसमें दोनों पार्टियों को पाबंद कर दिया है । पुलिस अपने आप को बचाने के लिए दोनों पार्टियों को पाबंद कर दिया है वहीं मौके पर हो रहे कई दिनों से विवाद पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है । पीड़िता ने चौकी पुलिस पर विपक्षियों से मिले होने का आरोप लगाया है। चौकी इंचार्ज परमेश यादव का जिले के अफसर का कोई खौफ नहीं रह गया है । कहता है अपने दम पर नौकरी करता हूं, मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है । जब से चौकी चायल में इंचार्ज बना है तब से क्षेत्र में अपराध बढ़ गए हैं । यहां तक की हल्का पुलिस भी मनमानी पर उतारू है अपने आप को सूरमा समझने वाले चौकी इंचार्ज एक पक्षीय करवाई करके अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं ।

चायल चौकी के सिपाही नरेंद्र सिंह की मनमानी से स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ रहा है। आए दिन क्षेत्र में विवाद की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिसमें पुलिस की वसूली की प्रवृत्ति प्रमुख है। हाल ही में, विमला देवी नामक महिला के साथ दबंग गुलाब ने मारपीट की, जिसकी शिकायत भी महिला ने दर्ज कराई।

हालांकि, जब महिला ने खेत में पानी लगाते समय दुबारा परेशानी की सूचना दी, तो दबंग पुनः खेत में पहुंचे और मेढ़ काट दिए। इस मामले की जानकारी मिलने के बावजूद, 112 नंबर की पुलिस ने कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की। हल्का पुलिस, जो चौकी से मात्र 2 किलोमीटर दूर है, सूचना के ढाई घंटे बाद मौके पर पहुँची।

महमदपुर गांव में घटित इस घटना से साफ है कि हल्का पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध है। जमीनी विवादों में बिना किसी उच्चाधिकारी के आदेश के मनमानी निर्णय लेने की प्रवृत्ति से लोग परेशान हैं। अब सवाल यह है कि कब तक उच्च अधिकारी इस स्थिति पर ध्यान देंगे? स्थानीय लोगों की सुरक्षा और न्याय का क्या होगा?

 

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