रेलवे कर रहा महाकुम्भ की विशेष तैयारी ,डीआरएम ने 900 से अधिक चलाए विषेश ट्रेनें, डीआरएम ने लोगो की सुविधा के लिए जारी किए टोल फ्री नंबर
👉 इलाहाबाद डीआरएम हिमांशु बडोनी ने पत्रकारों से बातचीत, कहा महाकुंभ में चलेंगी 900 से ज्यादा विशेष ट्रेनें ।
👉 भारतीय रेलवे ने पहली बार जारी किया एक टोल फ्री नंबर 18004 199139 , 1 नवंबर 2024 से होगा सक्रिय ।
प्रयागराज । जनपद में इस बार संगम में महाकुम्भ की तैयारी के लिए रेलवे विशेष रूप से तैयारी कर रहा है । प्रयागराज संगम की धरती के रूप में भी जाना जाता है । 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ के लिए भारतीय रेलवे ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए रेलवे ने एआई तकनीक और डिजास्टर मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया है।
रेलवे की प्रमुख तैयारियां:
1. ट्रेन सेवाएं और संख्या: महाकुंभ के दौरान 900 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। एनसीआर के प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी के अनुसार, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत नौ प्रमुख स्टेशनों से इन ट्रेनों का संचालन होगा। नियमित तौर पर 140 ट्रेनों के साथ, 100 पारंपरिक रैक वाली और 74 मेमू ट्रेनों का शेड्यूल पहले से ही तैयार है। अयोध्या और वाराणसी की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो सर्किट फॉर्मेट में संचालित होंगी।
2. यात्री सुविधाएं: यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। सभी प्रमुख स्टेशनों पर वेटिंग रूम, डॉरमेट्री, रिटायरिंग रूम और एग्जीक्यूटिव लाउंज जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रयागराज जंक्शन पर स्लीपिंग पॉड्स की व्यवस्था होगी, जबकि बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए बैटरी चालित कारें और व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएंगी। स्टेशनों के बाहर सार्वजनिक परिवहन के लिए काउंटर स्थापित किए जाएंगे, साथ ही खानपान की व्यवस्था भी होगी।
3. टोल फ्री नंबर और 22 भाषाओं में अनाउंसमेंट:
महाकुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे ने पहली बार एक टोल फ्री नंबर 18004 199139 जारी किया है, जो 1 नवंबर 2024 से सक्रिय हो जाएगा। इस नंबर पर ट्रेन से संबंधित हर जानकारी उपलब्ध होगी। पहली बार 22 भारतीय भाषाओं में अनाउंसमेंट की व्यवस्था की गई है, जिसमें उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और अंग्रेजी जैसी भाषाएं शामिल हैं। इससे श्रद्धालुओं को उनकी अपनी भाषा में जानकारी मिल सकेगी।
4. टिकटिंग और होल्डिंग एरिया:
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टिकट खरीद प्रक्रिया को भी सुगम बनाया गया है। रेलवे ने प्रति घंटे 80,000 टिकट बेचने की क्षमता विकसित की है। एनसीआर में 278, उत्तर रेलवे में 113 और पूर्वोत्तर रेलवे में 158 टिकट काउंटर खोले जाएंगे। रेलवे के स्वयंसेवक भी आश्रय स्थलों और ट्रेनों में यात्रियों को टिकट मुहैया कराएंगे। होल्डिंग एरिया में एक समय पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को रोका जा सकता है, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।
5. भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा:
महाकुंभ के दौरान एक घंटे में 50,000 यात्रियों को ट्रेनों से भेजे जाने की क्षमता विकसित की गई है। रेलवे के विभिन्न विभागों के 8,000 से अधिक कर्मचारियों को मेले के लिए तैनात किया जाएगा, जिनमें 4,000 से अधिक आरपीएफ जवान और अधिकारी शामिल होंगे। 21 नए रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज भी बनाए जा रहे हैं, जिससे यातायात सुगम होगा।
6. विशेष सुविधाएं:
रेलवे ने प्रमुख स्टेशनों पर क्लॉक रूम, पर्यटक बूथ, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र स्थापित किए हैं। यात्रियों को दिशानिर्देशित करने के लिए ट्रेनों को कलर कोडिंग की जाएगी, जिससे श्रद्धालु आसानी से अपनी गंतव्य ट्रेन तक पहुंच सकें।
इस तरह से देखा जाए तो भारतीय रेलवे ने महाकुंभ 2025 के लिए अपने क्राउड मैनेजमेंट, यात्री सुविधाओं और सुरक्षा इंतजामों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ मिलाकर विशेष तैयारी की है। रेलवे की यह व्यापक योजना सुनिश्चित करेगी कि श्रद्धालु इस महान धार्मिक आयोजन के दौरान बिना किसी असुविधा के यात्रा कर सकें, जिससे महाकुंभ का यह अनुभव यादगार बने।
अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415