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पासी समाज की वीरता को लेकर पीएम को लिख अक्षय प्रताप सिंह ने पत्र, सेना में पासी रेजीमेंट को सामिल करने की कही बात , हिंदू समाज की रक्षा के लिए पासी समाज ने दी है प्राणों की आहूति

👉 पासी समाज ने अपने पौरुष और रण कौशल से हिंदू समाज के रक्षक के रूप में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है 

👉 12वीं शताब्दी से स्वतंत्रता तक विदेशी आक्रांताओं से लेकर अंग्रेजों तक से लोहा लेने वाली इस जाति को मिलना चाहिए सम्मान

अंग्रेजो ने पासी जाति को बर्बाद करने के लिए लगाया था जरायम एक्ट ,महाशय मसूरियादीन पासी ने खत्म कराया था जरायाम एक्ट 

लखनऊ। विधान परिषद सदस्य कुंवर अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पासी समाज को लेकर बड़ी मांग की है। पत्र के जरिए कुंवर अक्षय प्रताप ने पीएम मोदी से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ को शामिल करने का अनुरोध किया है। अक्षय प्रताप ने इसके पीछे कारण बताते हुए लिखा है कि, पासी समाज लंबे समय से भारतीय सेना में ‘पासी रेजिमेंट’ स्थापित करने की मांग कर रहा है।अपने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से सेना में पासी रेजिमेंट की स्थापना करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, देश में पासी समाज ने मुग़लों से लेकर अंग्रेजों तक लड़ाई लड़ी है पासी समाज की 21 उपजातियाँ है जिन्होंने मुग़लों से लंबा संघर्ष किया इस समाज ने भारतीय संस्कृति एवं सनातन की रक्षा के लिए मुग़लो से अपनी जान की बाज़ी लगा दी पासी समाज के लड़ाकों के साथ साथ उसकी वीरांगनाओं ने भी अपने समाज और आबरू बचाने के लिए सुअर पालने शुरू की जहाँ सुअर होते थे वहाँ मुगल अक्रांता जाने से परहेज़ करते थे पासी समाज ने अपने पौरुष और रण कौशल से हिंदू समाज के रक्षक के रूप में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी है ।

आज़ादी के बाद से थानों में पासी जाति के चौकीदार नियुक्त किए जाते रहे हैं पासी समाज कि जातीय देश भर में हैं और आज भी अपने बलों पौरुष के कारण सबसे बड़े मेहनतकश मज़दूर है । अपने शौर्य के बूते भारत की हरित क्रांति में पासी समाज के योगदान को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता 1857 की क्रांति में राणा बेनी माधव बख़्श सिंह के नेतृत्व में लड़े जाने में लड़ाई में भी राणा की सेना के सेनापति बीरा पासी ही थे जिन्होंने अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे । यह इस बिरादरी के लिए बहत दुखद है कि स्वाधीन भारत में पासी समुदाय की वीरता का सम्मान नहीं मिला ।
12वीं शताब्दी से स्वतंत्रता तक विदेशी आक्रांताओं से लेकर अंग्रेजों तक से लोहा लेने वाली इस जाति को सम्मान देने के लिए भारतीय सशस्त्र सेना में पासी रेजीमेण्ट गठित के अक्षय प्रताप ने लिए अनुरोध पत्र भेजा है।

अमरनाथ झा पत्रकार – 9415254415। ,8318977396

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