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आज एक जुलाई 2024 से भारत में लागू हुआ नया कानून, अब धारा 154 सीआरपीसी की जगह धारा 73 बीएनएसएस में दर्ज होगी एफआईआर

👉 बदल दिए गए पुराने कानून , आईपीसी की जगह लागू किया गया (बीएनएस) भारतीय न्याय संहिता। सीआरपीसी की जगह बीएनएसएस किया गया लागू…

👉 पिछले वर्ष  19 दिसम्बर 2023 को 141 सांसदों को संसद से किया गया था सस्पेंड जिसमे 95 लोकसभा से और 46 राज्यसभा के थे सामिल । उसी दिन पास कराया गया था यह कानून। जिस पर हुआ था काफी हंगामा…

कौशाम्बी । भारत मे पहले अंग्रेजो के जमाने का लागू कानून को अब बदल दिया गया है और अब भारतीय कानून के तहत बहुत कुछ बनाकर तथा संशोधन कर लागू कर दिया गया है । बता दें कि आज से अर्थात 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। पहले जो आईपीसी की धारा के तहत मुकदमे दर्ज किए जाते थे वह अब आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) ke तहत मुकदमा दर्ज किए जायेंगे। इसी तरह सीआरपीसी की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गया है।

बता दे कि पिछले साल ही संसद में यह तीनों कानून बन गए थे। अब नए कानूनों के लागू होने के साथ ही औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया है। पहले जो हत्या के लिए आईपीसी में धारा 302 थी वह अब बीएनएस में धारा 103 हो गई है। हत्या का प्रयास का मुकदमा जो धारा 307 के तहत दर्ज होता था वही अब धारा 109 के तहत दर्ज किया जाएगा। इसी प्रकार गैर इरादतन हत्या के लिए जो आईपीसी में धारा 304 थी वह अब धारा 105 मे लागू होगी । दहेज हत्या से जुड़ी जो आईपीसी में धारा 304बी थी वह अब धारा 80 होगी । चोरी के लिए आईपीसी के तहत धारा 379 में जो चोरी का मुकदमा दर्ज होता था वह अब धारा 303 में मुकदमा दर्ज किया जाएगा ।

बता दें कि इसी तरह जो रेप की धारा 376 मे दर्ज किया जाता था उसे बदलकर अब 64 कर दिया गया है। इसी तरह छेड़छाड़ का मुकदमा जो धारा  354 में दर्ज होता था वह अब 74 के तहत दर्ज होगा। धोखाधड़ी का केस धारा 420 की जगह अब 318 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। लापरवाही से मौत के मामले मे धारा 106 के अंतरगत आएगा जो कि पहले 304 A में आता था।

आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 120बी की जगह अब धारा 61 लागू होगी। इसी तरह मानहानि के लिए धारा 499, 500 की जगह अब 356 लागू होगी। लूट और डकैती के लिए क्रमशः धारा 309 और धारा 310 होगी।

बता दें कि अब धारा 65 के तहत 16 साल से कम आयु की पीड़ित से दुष्कर्म किए जाने पर 20 साल का कठोर कारावास, उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है । गैंगरेप में पीड़िता यदि वयस्क है तो अपराधी को आजीवन कारावास का प्रावधान है ।
12 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ रेप पर अपराधी को न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है । शादी का झांसा देकर संबंध बनाने वाले अपराध को रेप से अलग अपराध माना गया है, अर्थात उसे रेप की परिभाषा में नहीं रखा गया है ।  पीड़ित को उसके केस से जुड़े हर अपडेट की जानकारी हर स्तर पर उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी । अपडेट देने की समय-सीमा 90 दिन निर्धारित की गई है ।

इसी प्रकार शादी का झूठा झांसा देकर 18 साल से ऊपर की महिला के साथ संबंध बनाना अब दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आएगा । इसके लिए नए कानून में बीएनएस की धारा-69 में अलग अपराध बनाया गया है । आसान भाषा में समझें, तो अगर कोई व्यक्ति किसी भी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाता है, तो यह बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा  । इस तरह से देखा जाए तो 1 जुलाई 2024 से आईपीसी अर्थात भारतीय दंड संहिता को बदलकर भारतीय न्याय संहिता BNS अब लागू कर दिया गया है । आज से पहले जो भी प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 में दर्ज होती थी वह अब 173 के तहत दर्ज किया जाएगा।

अमरनाथ झा पत्रकार (9415254415 , 8318977396 )

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