रेलवे में कब रुकेगा भ्रष्टाचार, आरटीआई का नही देते हैं जवाब, एमएस/सीएमएस/फिजिसियन की पोस्ट क्यों है खाली
👉 उत्तर मध्य रेलवे जोन में चरम पर है भ्रष्टाचार,बहुत सी जनसुचनायो को लगाने पर दिया गया गोलमोल जवाब , उच्च अधिकारी नही करते अवलोकन।
👉 अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की सलाह पर रट्टू तोते की बोलते हैं बोली। मिली जन सूचना के अनुसार भ्रष्टाचार का खुलाशा होना तय।
प्रयागराज । रेलवे में पिछले काफी समय से चल रहे भारस्टाचार का खुलासा जन सूचना के माध्यम से प्राप्त हुआ है । जबकि इसमें आधी अधूरी सूचनाएं प्राप्त हुआ है और बाकी मे अनुच्छेद 2 ,8 का उल्लेख करके सूचना उपलब्ध न कराने का बहाना बनाया जाता है। इसी प्रकार कई लोगो ने भी आरटीआई मांगा है और विजिलेंस विभाग को भी सिकायत की है और यहां तक की टूंडला के भाजपा विधायक ने पूर्व डीआरएम से मिनिस्टर स्टाप के बारे में शिकायत की थी । इन सभी मुद्दों को पर्दा डालकर रफा दफा कर दिया गया है। और अभी तक जो जन सूचना उपलब्ध कराई गई है, मांगी गई सूचनाओ को आवेदक द्वारा अवलोकन करा कर देखा जाय कि क्या समस्त सूचना उपलब्ध कराई गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक़ जो भी भ्रष्टाचार चल रहे हैं कर्मचारियों के तमाम भत्ते, ट्रान्सफर सूची में हेर फेर और अपने लोगो को बचाना जैसे तमाम कृत्य सामिल है । इसकी समस्त सूचना उन विभागों से एकत्रित किया जाए कि कितने मामले लम्बित है क्योंकि ऐसा देखा जा रहा है कि कर्मचारियों के क्लेम केस की राशि कितनी है । उसी के मुताबिक़ कमीशन के चक्कर में पेपर में कमी बताकर बार बार मौखिक रूप से वापस कर दिया जाता है। जब तक पैसा नहीं मिलता है तब तक कर्मचारी को दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है ।
उदाहरण के तौर पर गाड़ियों से सम्बन्धित मांगी गई सूचना तथा चैकिंग स्टाप के ट्रांसफर एवम पदोन्नति से संबंधित मांगी गई सूचना,मिनिस्ट्रियल स्टाप की पिन प्वाइंटिंग, टूंडला में 20 साल से जमे डॉक्टर की सूचना तथा प्राइवेट अस्पताल के बिलों और लोकल परचेज दवाईयों के बिलों से सम्बन्धित सूचनाएं जो मांगी गई है उनको अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है । टूंडला मे एमएस की पोस्ट ,इलाहाबाद मे मंडल चिकित्सालय में सीएमएस की पोस्ट तथा कानपुर में फिजिसियन की पोस्ट को खाली रखना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम है । यह जिम्मेदारी पीसीएमडी की बनती है क्योंकि रेलवे का अरबों रुपए का राजस्व इलाज के नाम पर दीमक की सूचना चाट रहा है। अब देखना यह है कि इन सभी मामलों में जॉच कर क्या कार्यवाही होती है यह एक बड़ा सवाल है…