मकर संक्रांति के अवसर पर लाखो ने किया स्नान,प्रभास गिरी
कौशांबी जनपद प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक एवम ऐतिहासिक विरासत की नगरी रही है । जहां एक तरफ कौशांबी की पहचान महात्मा बुध की कर्म स्थली के रूप में होता है वही जैन धर्म के तीर्थंकर गुरु पदम प्रभु का भी यहां प्रवास रहा है । कौशांबी जनपद में प्रभास गिरी पर्वत जहां चट्टान की तरह खड़ा प्रभाष गिरी पर्वत है जो जनपद की एक पहचान बना हुआ है , वहीं मकर संक्रांति के दिन पभोषा गांव में लगने वाला मेला अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए हैं ।
प्रभास गिरी पर मेला जहां लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है वही जैन मंदिर का लोग दर्शन कर पहाड़ों का लुफ्त उठाते हैं । यहां दूर दूर से कई जिले से लोग आकर यमुना नदी मे स्नान कर मकर संक्रांति के दिन लाखों लोगों की भीड़ मेले में रहती है । मेले में चारों तरफ जिधर देखो लाठियां ही लाठियां दिखती है । यह लाठियां लोग खरीद कर अपने अपने घरों को ले जाते हैं तथा तमाम घरेलू उपयोग की वस्तुएं भी मेले में लोग खरीदते हैं । ग्रामीण क्षेत्रों के मेले में जहां प्रसिद्ध मिठाई जलेबी लोग खूब बिकती हैं वही मेले में लगे झूले का बच्चे आनंद उठाते हैं ।
14 जनवरी को लगने वाला मकर संक्रांति के अवसर पर प्रतिवर्ष इस मेले के सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन जिले की कई थानों की फोर्स लगाकर लोगों के सहायता के लिए तत्पर रहता है । वहीं मेले में आए लाखों लोग इस दिन जमुना नदी में स्नान कर मेले का लुफ्त उठाते हैं । मंझनपुर तहसील के थाना पश्चिम सरीरा के अन्तर्गत लगने इस ऐतिहासिक मेले मे गोराजू से लेकर पभोषा पहाड़ तक लाखो लोगो के आने जाने का हुजूम लगा रहा ।