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जिले के स्वास्थ्य विभाग पर नही है किसी का काबू, जिला अस्पताल के पास संचालित है कई दर्जन मानक विहीन प्राइवेट हॉस्पिटल, जिले में डिग्री एवं मानक विहीन चल रहे हैं बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल ,पाली क्लिनिक और अल्ट्रा साउंड सेन्टर

👉 आखिर कब होगी डिग्री और मानक विहीन प्राइवेट अस्पताल, हॉस्पिटल और पॉलीक्लिनिक सेंटरों पर कार्रवाई ।

👉 जिला अस्पताल के सामने कई दर्जन मानक विहीन चल रहे हैं प्राइवेट अस्पताल और अल्ट्रासाउंड सेंटर

कौशांबी । यू0पी के स्वास्थ्य मंत्री एवं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जहां प्रदेश में स्वास्थ्य चिकित्साओं को लेकर प्रदेश में दौरा करके जायजा ले रहे हैं वहीं कौशांबी में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था का बुरा हाल है जो सुधरने का नाम नहीं ले रही है । जनपद में सैकड़ों प्राइवेट नर्सिंग होम ,अस्पताल एवं पाली क्लीनिक धड़ल्ले से मानक विहीन और डिग्री विहीन डॉक्टरों द्वारा संचालित किया जा रहा है । इन प्राइवेट अस्पतालों में बड़े-बड़े डाक्टरों के नाम का बोर्ड तो लगे हुए हैं लेकिन ये डॉक्टर इन अस्पतालों मे कभी बैठते नहीं है । इतना ही नहीं इन बड़े-बड़े प्राइवेट नर्सिंग होम ,अस्पताल और पाली क्लीनिक जो कई वर्षों से संचालित हैं वह मानक विहीन धडल्ले से संचालित है । इनमे झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं जिससे आए दिन मरीजों की मौत होती रहती है । यदि देखा जाए तो जिला अस्पताल के सामने ही जिधर नजर डालो कई दर्जन प्राइवेट अस्पताल ही अस्पताल नजर आ रहे है ।

जिले में बने इन प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम तथा पाली क्लीनिकों का फायर एनओसी और एनबीसी की एनओसी भी प्राप्त नहीं है । बिना डिग्री होल्डर के लोग अस्पतालों में इलाज कर रहे है,यही वजह है कि आए दिन इन अस्पतालों में मरीजों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग आंख मूंद कर बैठा हुआ हैं । कई बार मीडिया में खबर आने के बाद सीएमओ ने सिर्फ इन प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है । फायर ब्रिगेड की तरफ से भी बिना एनओसी के चल रहे इन मानक विहीन अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है । इन प्राइवेट अस्पतालों में जहां एक तरफ मरीजों को खुलेआम लूटा जा रहा है, वहीं झोलाछाप डॉक्टर इन अस्पतालों मे बड़े बड़े ऑपरेशन और मरीजों का इलाज कर रहे हैं । जिला मुख्यालय में ही सैकड़ो मानक विहीन बड़े बड़े अस्पताल और पाली क्लीनिक एवम अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं फिर भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की तरफ से इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला अस्पताल के सामने लगभग पांच से छह दर्जन प्राइवेट हॉस्पिटल अस्पताल खुले हुए हैं ,जो जिला अस्पताल के मरीजों को अपने यहां ट्रांसफर करके भर्ती करवाते हैं और मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं । जिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल संचालकों का तालमेल बना हुआ है ,यही वजह है कि जिला अस्पताल के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है और सीधा प्राइवेट अस्पतालों का रास्ता दिखा दिया जाता है । यदि स्वास्थ्य विभाग और फायर ब्रिगेड तथा जिला प्रशासन ने कार्रवाई की तो जहां जिला मुख्यालय में कई दर्जन अस्पताल बंद हो जाएंगे, वहीं जिले में लगभग ढाई सौ से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल पाली क्लीनिक और हॉस्पिटल संचालित हैं जिस पर कार्रवाई होना तय है । इस मामले में जब कौशाम्बी सीएमओ सुस्पेंद्र कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि अब तक जिले में लगभग 92 प्राइवेट हॉस्पिटल रजिस्टर्ड है और बिना मानक विहीन चल रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों को नोटिस जारी की गई है ।

बाइट – सुष्पेंद्र कुमार , सीएमओ कौशाम्बी

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