एनसीआर के भरवारी रेलवे स्टेशन पर तैनात एसएसई का घोटाला, कब रुकेगा अर्पित यादव का भ्रष्टाचार, आय से अधिक करोड़ों की बनाया है बेनामी संपत्ति, स्लीपर द्वारा बन रही खागा दीवार मे घोटाला
👉 रेलवे लाइन की बाउंड्री वाल में स्लीपर द्वारा उठाई जा रही दीवार में बड़ा घोटाला । 1- 90 का है मानक इसका नहीं किया जा रहा है पालन । रेलवे की डीएफसी लाइन में sse अर्पित यादव और ठेकेदार का बड़ा घोटाला ।
👉 ठेकेदार और सुपरवाइजर की मिलीभगत से हो रहा हैखेल, रेलवे राजस्व का हो रहा भारी नुकसान l
👉 मानक के मुताबिक नहीं बनाई जा रही बुनियाद , प्रयोग किया जा रहा घटिया मसाला , अभी से ही टेढ़े हो रहे हैं खंबे ।
👉 सिराथू, खागा मे 12- 12 घंटे के हैं दो पम्प ऑपरेटर ,उनको नहीं दिया जा रहा है प्रॉपर रेस्ट । पानी की टंकी मे सालों से नहीं हो रही कायदे से पानी टंकी की सफाई, कीड़े युक्त पानी पीने को मजबूर हैं रेल कर्मचारी एवं स्टेशन के यात्री ।
👉 कर्मचारियों को आईओडब्ल्यू /एसएससी अर्पित यादव द्वारा खुलेआम हो रहा है उत्पीड़न । समय से नहीं मिलता है पास और नहीं मिलती है छुट्टी ।
👉 नहीं लगाई जाती है प्रॉपर वे मे प्रतिदिन कर्मचारियों की हाजिरी, महीने में 1 दिन में भरी जाती पूरे माह की हाजिरी । एसएसई की तानाशाही रवैए से लोग परेशान ।
👉 ठेके पर होती है हाजिरी, किसी काम की नहीं होती है रजिस्टर पर बुकिंग, घर बैठे फोन के माध्यम से कराई जाती है ड्यूटी एवम कर्मचारियों की बुकिंग और कराए जाते हैं सरकारी काम ।
👉 भरवारी मे ठीकेदार द्वार बनाई जाने वाली बिल्डिंग में भारी घोटाला, मानक के अनुरूप नहीं लगाया जा रहा मसाला । एक- सोलह का लग रहा है मसाला, एसएसई/iow अर्पित यादव और ठेकेदार की बंदरबांट और मिलीभगत नीति से लूट घसोट जारी , रेलवे राजस्व का हो रहा नुकसान ।
👉 वही विरोध करने पर कर्मचारियों को iow कर रहा है परेशान ,फर्जी शिकायत करके दिलाता है कर्मचारियों को चर्जसीट।
👉 एसएसई एवं सुपरवाइजर साइट पर नहीं करते हैं दौरा, अधिकारी तो बंद ए0सी कमरों में बैठ कर लेते हैं मजा और बना है उनका मोटा कमीशन ,अवैध कमाई का नीचे से ऊपर तक होता है बंदरबट ।
👉 इसीलिए जब छोटे कर्मचारियों का करते है उत्पीड़न तो सिकायत होने पर भी नहीं देते हैं अधिकारी । शिकायत होने के बावजूद भी नही रुकता उत्पीड़न, शोषण करने वाले को ही बचाते है रिश्वतखोर अधिकारी ।
👉 अर्पित यादव की आय से अधिक है करोड़ों की बेनामी संपत्ति , कई जगह फ्लैट, बंगले आदि कम समय में बनाकर करता है मौज, आखिर कब विजिलेंस करेगी इसके लखनऊ से लेकर कई जगह बने आय से अधिक संपत्ति की जांच ।
प्रयागराज । एनसीआर रेलवे मंडल कार्यालय इलाहाबाद के अंतर्गत भरवारी रेलवे स्टेशन पर तैनात एसएसई /आईओडबलू अर्पित यादव का आतंक इतना बढ़ गया है कि उसके मातहत कार्य करने वाले कर्मचारी परेशान हैं । इसकी शिकायत कई बार मीडिया में आने के बाद भी एवं उच्च अधिकारियों को सूचित करने के बाद भी इसके कार्य में परिवर्तन नहीं हुआ ।
यह अपने नौकरी के इतने कम कार्यकाल में करोड़ों की आय से अधिक और बेनामी संपत्ति बना रखा है । लखनऊ से लेकर कई शहरों में मकान बनाकर मौज कर रहा है ,वहीं रेलवे के विजिलेंस विभाग आज तक इसकी जांच नहीं किया है । अपने मातहत कर्मचारियों का यह इतना उत्पीड़न करता है, इतना शोषण करता है कि शिकायत होने के बाद भी वेलफेयर इंस्पेक्टर एवं रेलवे के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं । मनोज नामक एक कर्मचारी को हमेशा अपने बंगले पर अपनी सेवा सत्कार करने के लिए रखता है , उससे कोई भी काम और ड्यूटी नहीं ली जाती है, यह सिलसिला वर्षों से जारी है ।
बता दें कि अर्पित यादव फोन पर घर बैठे अपने मातहत कर्मचारियों को आदेश निर्देश देता रहता है और ठेकेदार से मिलकर मोटी रकम कमाता है । अपने काली कमाई का कुछ हिस्सा बंदरबांट कर अपने इंचार्ज बृजेंद्र स्वरूप जो प्रयागराज में बैठता हैं एवं ADEN लाइन के माध्यम से सीनियर डीएनसी-को तक जाता है । यही वजह से इसके काले कारनामों की ना तो जांच की जाती है और ना ही इस पर कोई फर्क पड़ता है क्योंकि इस डिपार्टमेंट के अधिकारी डीआरएम ऑफिस से लेकर नीचे तक इसके अवैध काली कमाई की रकम मे बंदरबांट के हिस्से में शामिल है ।
भरवारी में एक अनुसूचित जाती कर्मचारी की पीड़ित महिला स्पर्धा पासवान ने जी0एम से लेकर रेल मंत्री एवं एससीएसटी आयोग तक शिकायत की है लेकिन अभी तक भ्रष्ट और कामचोर अवैध काले कार्यनामों में लिप्त एसएसई अर्पित यादव के कारनामों में कोई भी बदलाव, परिवर्तन नहीं हुआ है ।
बता दें कि 4 जून 2022 को एसएसई इंचार्ज बृजेंद्र स्वरूप ने अर्पित यादव के मिलीभगत से भरवारी के तीन चार कर्मचारियों को इलाहाबाद फोन के माध्यम से बुलाया । इतना ही नहीं एसएससी इंचार्ज द्वारा अक्सर कर्मचारियों को फोन के द्वारा प्रताड़ित करके इलाहाबाद दौड़ाया जाता है और उनको कोई भी लिखित में सूचना नहीं दी जाती है । यदि रास्ते में कर्मचारी के साथ कोई हादसा हो जाए तो इसका कौन जिम्मेदार होगा । ऊपर बैठे अधिकारी भी इस मामले में अभी तक संज्ञान नहीं लिए हैं कि आखिर बिना लिखा पढ़ी के कैसे किसी को बुलाया जा रहा है , फोन से कैसे नौकरी कराई जाए रही है ,इस पर कभी ध्यान नहीं दे रहे हैं ।
यही वजह है कि यह लोग तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं और अपने आप को नौकर नहीं बल्कि राजा की भूमिका मे पेश आते हैं । शायद यह भूल गए कि नौकरशाही में जिस प्रकार नीचे का कर्मचारी नौकर है उसी प्रकार यह भी भारत सरकार के नौकर हैं । 4 जून को रनबीर प्रसाद व कुछ अन्य कर्मचारियों को बुलाकर जिसमें चार्ज सीट देने के लिए पूरी प्लानिंग करके बैठे थे और उसको मनमानी तरह से जब जी चाहता है नोटिस और चार्ज सीट पकड़ा देते हैं । रेलवे में भरवारी एसएसई अर्पित यादव के इन कारनामों पर आखिर क्यों ADEN लाइन और सीनियर अधिकारी मेहरबान है, यह एक बड़ा सवाल है ।
बता दें कि इन दिनों भरवारी में बन रही बिल्डिंग में भारी घोटाला हो रहा है । यहां पर मानक के मुताबिक मसाला नहीं लगाए जा रहे हैं और एसएसई और ठेकेदार की मिलीभगत से रेलवे राजस्व को चूना लगाया जा रहा है । भरवारी से खागा , सिराथू तक तमाम स्टेशनों पर अनियमितताएं हैं ,लोगों के मकान की छत बेकार जर्जर हैं ,कई वर्षों से मकानों की पुताई और मरम्मत नहीं हुए हैं, कंडीशन जर्जर है लेकिन इन मकानों- कालोनियों के नाम पर पैसा निकल जाता है लेकिन कई वर्षों से कोई कार्य नहीं किया जाता है ।
भरवारी, सिराथू, खागा में जो पानी की टंकी है जहां से पानी का सप्लाई होता है उसकी सफाई नहीं की जाती है । पानी की टंकी में कीड़े पडे हुए हैं, सिर्फ डेट बदल दी जाती है लेकिन सफाई नहीं होती है । भरवारी मे 25 जून 2022 को टंकी की सफाई डेट पड़ी है लेकिन आज तक सफाई नहीं की गई है, यही हाल सिराथू और खागा का भी है ।
इसी तरह रेलवे की लाइन की जो खागा में स्लीपर से बन रही दीवार का जो कार्य हो रहा है उसमें मानक के मुताबिक बेसमेंट नहीं बनाया जा रहे हैं । नीचे गड्ढे में मिट्टी भर दिया जाता है और नाम मात्र का ऊपर मसाला भरके फॉर्मेलिटी पूरी की जा रही है । 1- 90 का जो मानक है उसको पूरा नहीं कर रहे हैं, यदि जांच कराई जाएगी तो भारी घोटाला सामने आएगा । आखिर कब अर्पित यादव के भ्रष्टाचार की जांच होगी, और इसके बचाने वाले एसएसई इंचार्ज बृजेंद्र स्वरूप एवं एडीएन लाइन तक की जांच कब होगी यह भी एक बड़ा सवाल है ।