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एनसीआर रेलवे में नही थम रहा है भ्रष्टाचार, ट्रेनों पर पैंट्रीकार द्वारा यात्रियों को जा रहा है लूटा, ट्रेन पर ए0सी की सारी सुविधाएं नदारद, आखिर कब ध्यान देंगे उच्च अधिकारी, पीसीसीएम का फैला है भ्रष्टाचार

प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री के संज्ञान में नहीं है एनसीआर का भ्रष्टाचार । यात्रियों को खुलेआम ट्रेन में जा रहा है लूटा ,80 रू0 का खाना 130 में तथा ₹15 के पानी की बोतल 20 में खुलेआम धड़ल्ले से बिक रहा है ट्रेन में
👉 यह पैसा किसके जेब में एवं खाते मे जा रहा है जांच का विषय ,क्या आरपीएफ, टीटीई और विजिलेंस डिपार्टमेंट, कमर्शियल विभाग सब मिलकर कर रहे हैं बंदरबांट । क्योंकि इन्हीं लोगों के जिम्मे रहती है ट्रेन मे सुरक्षा, एवं देख-रेख की पूरी जिम्मेदारियां ।
👉 इसी प्रकार अन्य सामानों को महंगे दामों पर ट्रेन मे जा रहा है बेचा , आखिर कब होगी इस भ्रष्टाचार की जांच….
👉 कानपुर के फूड प्लाजा का ₹80 का खाना 130 में और आईएस पैंट्री कार में खुलेआम सप्लाई, बिक रहा है खुलेआम, डिप्टी सीटीएम/ स्टेशन डायरेक्टर का प्राप्त है संरक्षण ।

प्रयागराज । उत्तर मध्य रेलवे जोन में कोरोनावायरस महामारी में यात्रियों को ट्रेन में खाने पीने का सामान पैंट्री कार के द्वारा एवं अवैध वेंडरों के द्वारा जमकर लूटा गया है । एक ओर जहां पहले ही यात्री कोरोना के नाम पर लूट चुका है, ए0सी में मिलने वाली सुविधा कंबल, चादर सब छीन लिए गए हैं और टिकट में भी पैसा ज्यादा वसूला जा रहा है । वहीं दूसरी ओर खाने-पीने के सामानों में यात्रियों को दोहरी मार दी जा रही है । इसमें आरपीएफ ,टीटीई ,विजिलेंस और कमर्शियल विभाग सभी की मिलीभगत से पैंट्रीकार एवं वेंडरों का धंधा फल-फूल रहा है । जिस पर डिप्टी सीटीएम एवं स्टेशन डायरेक्टर कानपुर की मेहरबानी एवं संरक्षण में यह धंधा जोरों पर फल फूल रहा है, और लाखों रुपए का रोज वारा न्यारा हो रहा है । इसमें पीसीसीएम के बारे में पहले ही इस फल फूल रहे धंधा का खुलासा हुआ है ।

बता दें कि पीसीसीएम के रैकेट और कई जोन में फैले है, जहां पर पीसीसीएम के लड़के ,बीवी ,बच्चों एवं इनके कई अन्य लोगों के खातों में लाखों रू0 प्रतिमाह जमा कराए जा रहे हैं । इस मामले की लिखित शिकायत भी कई बार उच्चाधिकारियों को की गई है । इनके रैकेट मे तमाम लोग सामिल है , कई कई मिनिस्टर का भी संरक्षण प्राप्त होने की बात चर्चा मे है । जिस वजह से आज तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और ना ही जांच की गई है । पीसीसीएम एम0एन ओझा के पास अरबों की अवैध तरीके से कमाई गई आय से अधिक और बेनामी संपत्ति है । कई प्रदेशों में इनके तथा इनके परिवार एवं रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति है ,जिसकी शिकायत भी हुई है लेकिन उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो जांच का विषय है । भ्रष्टाचार फैलाने वाले यह अधिकारी घूम फिर कर के एनसीआर जोन में ही 20 वर्षो से जमे हुए हैं ।

रेलवे बोर्ड के आदेशानुसार पैंट्रीकार चालू करने का फरमान जारी तो कर दिया गया है लेकिन अभी भी साइड पैंट्रीकार धड़ल्ले से चलाई जा रही है । क्योंकि इसमें लाखों रुपए का फायदा चोर दरवाजे से इन अधिकारियों की जेब में जा रहा है । मैनेजर अपने आप में बेबस होकर अपना रोना रोया करता है ,कि गाड़ी में चलने वाले जीआरपी, आरपीएफ, टीटीई को मुफ्त में खाना पानी की बोतल, बिस्किट आदि मुफ्त मे खिलाना पड़ता है । इसकी नुकसान की भरपाई मुझे मालिक को देनी होती है, इसलिए मेरे पास अपने घाटे की वसूली करने के लिए कोई साधन नहीं है और मुझे मजबूर होकर लोकल पानी ₹20 में तथा खाना ₹130 में बेचना पड़ता है ।

इस प्रकार वर्षों से जमे हुए लोग एनसीआर से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं और रेलवे बोर्ड की ट्रांसफर पाल्सिओ का पालन नहीं हो रहा है । इस तरह के तमाम शिकायतें ठंडे बस्ते में पड़ी है और इसीलिए एनसीआर में भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया जा रहा है । बहुत आवश्यक है कि इन सभी वर्षों से जमे अधिकारियों का स्थानांतरण एक बार दक्षिण एवं अन्य प्रांतों में करना आवश्यक है । जिससे कि राजनीतिक एवं स्थानीय पकड टूट सके और जोन में भ्रष्टाचार में मुक्त हो सकें ।

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