कानपुर सेंट्रल रेलवे में भी डिप्टी सीटीएम का भ्रष्टाचार, अपने चहेतों को प्रीमियम गाडियों, शताब्दी एक्सप्रेस में लगाया ड्यूटी,रोस्टर कलर्क का ट्रांसफर के बाद भी नहीं कर रहा रिलीव, जोरों पर चल रहा है अवैध वेंडिंग का धंधा
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर जोरों पर चल रहा है अवैध वेंडिंग का धंधा ।
👉 चोर दरवाजे से खाने की हो रही है सप्लाई ,फर्जी फर्मे, स्टेशन डायरेक्टर एवं आईआरसीटीसी के मिलीभगत से फल फूल रहा है जोरों पर धंधा।
👉 वरिष्ठता के अनुसार नहीं करते हैं टीटीई कर्मचारियों को प्रीमियम गाड़ियों में चयन ,महत्वपूर्ण पदों पर सीनियरिटी की हो रही अनदेखी ।
रेलवे के कानपुर सेंट्रल में स्टेशन डायरेक्टर एच0एस उपाध्याय की मनमानी एवं तानाशाही चरम पर है , इनके भ्रष्टाचार का आलम यह है कि ये अपने चाहेतो को महत्वपूर्ण पद दिए गए है । उनके अपने लोगों पर व करुणानिधि भारद्वाज वाणिज्य निरीक्षक पर विशेष कृपा है, यही वजह है कि उनके खास लोग को स्पेशल चेकिंग सीएमआई बनाया गया है । सभी वाणिज्य स्पेक्टरों के ऊपर स्पेशल दायित्व दिया गया है, जबकि करुणानिधि भारद्वाज की वर्किंग रिपोर्ट देखी जाए तो विगत 8 वर्षों से मुफ्त की नौकरी कर रहे है एवं यह दलाली में पूर्ण रूप से डूबा हुआ है।
करोना कॉल मे ट्रेनों के पैंट्री कार के संचालन में लूटपाट करने मे महत्वपूर्ण योगदान रहा है । कानपुर सेंट्रल में प्रीमियम गाड़ियों में रेलवे विजिलेंस आदेशों की अवहेलना करते हुए एवं रेलवे नियम बोर्ड की अवहेलना करते हुए कई वर्षों से अपने चुनिंदा स्टाफ को ही रखा गया है । जिसके पीछे अस्पष्ट मंशा है की इस भ्रष्टाचार मे लिप्त हैं और पैसा लेकर मनोनीत किया जाता है । इसमे केवल ड्रामेबाजी करने के लिए मात्र इंटरव्यू का दिखावा करना और मोटी रकम लेकर कर्मचारियों को पद स्थापित करना इनका गोरखधंधा बना हुआ है ।
प्रीमियम ट्रेनों में इनके अपने चहेते लोगों को वर्किंग कराई जा रही है । कानपुर सेंट्रल में रोस्टर क्लर्क का पदोन्नति के बाद स्थानांतरण हो गया है परंतु उसको अपने रैकेट को चलाने के लिए रिलीव नहीं किया गया है । विगत काफी वर्षों से रोस्टर की धांधली को लेकर कर्मचारियों मे असंतोष है और यूनियन के माध्यम से भी आवाज उठाई जा चुकी है । अपनी हठधर्मिता और तानाशाही बरकरार रखने के लिए अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं किया गया है ।
पीसीएम के आदेशानुसार सीआईटी अफसर का कर्मचारी ही रोस्टर पर कार्य करेगा, परंतु इनकी मनमर्जी के आगे किसी की नहीं चल रही है । स्टेशन डायरेक्टर कानपुर का वर्चस्व पूरी तरह से बरकरार है , यह सीनियर डीसीएम की भी नहीं सुनता है । डिप्टी सीआईटी कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस एवं प्रीमियम गाड़ियों के चयन में बहुत बड़ी धांधली हो रही है और मोटी रकम लेकर अपने चहेतों का चयन किया जाता है । डिप्टी सीटीएम एच0एस उपाध्याय करुणानिधि भारद्वाज ईसीआरसी पर इतना मेहरबान क्यों है । 2 वर्ष पहले इनको वाणिज्य निरीक्षक बना दिया है । यदि डिप्टी सीटीएम भरद्वाज के पूरे सेवाकाल का रिकार्ड देखे तो इनकी कार्यशैली तो चापलूसी व दलाली के अलावा कोई काम नहीं किया है ।
सूत्रों की मानें तो इन भ्रष्टाचार में लिप्त डिप्टी सीटीएम एवं वाणिज्य निरीक्षक सहित कई अधिकारियों की आय से अधिक एवं करोड़ों की है बेनामी तमाम संपत्ति है । आखिर कब इनके आय से अधिक संपत्तियों की जांच होगी यह एक बड़ा सवाल है। डिप्टी सीटीएम एच0एस उपाध्याय लगभग 3 वर्ष से कानपुर सेंट्रल में तैनात हैं और इनके पास अतिरिक्त स्टेशन डायरेक्टर का भी चार्ज है ।
बता दे कि 20-20 वर्षों से शताब्दी ट्रेन में कर्मचारी लगे हैं । इनकी काली कमाई की करोड़ों की अवैध संपत्ति है । तेरी बिजलेंस विभाग और सीवीसी ने जांच कराई तो चौकाने वाले खुलासे होंगे ।