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प्रयागराज के दारागंज में रस्तोगी धर्मशाला को बेचने की है तैयारी ,चल रही प्लानिंग- धीरे धीरे 2 खंड कर दिया गया ध्वस्त, मलबा का लगा ढेर, उच्चअधिकारी मौन

नगर निगम का टेंडर बाबू रॉबिन पालीवाल गुंडई के दम पर वरुणा देवी की जमीन पर बनवा रहा है रोड ।

अनुरूद्ध कुमार तिवारी पुत्र पशुपति नाथ तिवारी दारागंज बक्शी कला मकान नंबर 10 को लगभग 15 साल से गायब कर दिया गया है । मोहल्ले वासियों की माने तो उसकी करा दी गई है हत्या ।

आज तक उसका पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है, आखिर कहां गायब हो गया अनुरूद्ध तिवारी । धरती निगल गई या फिर आसमान खा गया । पुलिस भी इस मामले में मौन है ।

प्रयागराज । प्रयागराज जनपद के दारागंज में बक्शी कला मे स्थित सैकड़ों वर्ष प्राचीन रस्तोगी धर्मशाला पर इन दिनों संकट के बादल मंडरा रहे हैं । इस धर्मशाले को तोड़फोड़ कर पूरी बेचने की प्लानिंग चल रही है । कुछ जमीन पर तो भू माफियाओं ने कब्जा कर के मकान बना लिया है, बाकी नगर निगम और पीडीए के अधिकारियों से सांठगांठ कर तथा नेताओं के संरक्षण में धर्मशाला को समाप्त कर भू माफियाओं की नजर इस पर लगी हुई है ।2016 रेखा तिवारी ने अपना नाम चढवा कर आशुतोष पालीवाल, रमेश चंद यादव, दीपक गुप्ता के नाम रजिस्ट्री कर दिया है । लगभग 1500 वर्ग मीटर जमीन की दिनांक 20 अक्टूबर 2020 में रजिस्ट्री हुई है । इस मामले में फिलहाल सब कुछ गड़बड़ झाला लग रहा है । यदि रविशंकर पालीवाल की माने तो यह एक भू माफियाओं का रैकेट है जो मिलजुलकर नगर निगम के टेंडर बाबू एवं कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सारा खेल खेला जा रहा है ।

सूत्रों की मानें तो अनिरुद्ध तिवारी की पत्नी रेखा तिवारी का उसको गायब कराने मे हाथ बताया जा रहा है फिलहाल मामला संदिग्ध है । आखिर पुलिस कब करेगी इस मामले की जांच, अरबो की प्रॉपर्टी का है मामला । थाना दारागंज के बक्शी कला मकान नंबर 10 का है मामला ।

फिलहाल रस्तोगी धर्मशाला बख्शी कला को तोड़फोड़ कर बेचने की तैयारी जारी है । इस मामले में कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र देने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है । नगर निगम से लेकर पीडीए के अधिकारी लोग भी शामिल हैं, शायद यही वजह है कि नेताओं की निगाहें भी अरबों की इस प्रापर्टी में लगी हुई है । अब देखना यह है इस प्राचीन रस्तोगी धर्मशाला धर्मशाला के मामले में हो रहे फ्रॉड, खरीद-फरोख्त और फर्जी तरह से इंट्री करा कर जमीन हथियाने की जो प्लानिंग चल रही है । इसमें कोई जांच होती है या फिर सब कुछ यूं ही भ्रष्टाचार के आरोप फाइलों में दब के रह जाएगा यह जांच का विषय है ।

इसी धर्मशाला से जुड़ा हुआ संस्कृत महाविद्यालय भी है जो श्रीहर्ष सावित्री महाविद्यालय के नाम से 1924 में जिसका रजिस्ट्रेशन हुआ है वह आज भी चल रहा है । यह संस्कृत महाविद्यालय भी मकान नंबर 10 में ही स्थित है ।
सूत्रों की माने तो धर्मशाला के अगल-बगल तमाम भू- माफियाओं लोगों ने जमीन पर अवैध मकान बना कर जमीन पर कब्जा हो गया है । अभी हाल ही में जेसीबी से धर्मशाला के दो खंड को ध्वस्त करा दिया है ,मलबा ढेर लगा हुआ जिसे बेचने की कवायद शुरू है । यह धर्मशाला कुल 5 खंडों में है ।

अमरनाथ झा पत्रकार

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